कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश में कई स्थानों पर हो रहे धरना-प्रदर्शन के बीच इस कानून के लागू होने के सकरात्मक (Positive) नतीजे भी सामने आने लगे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अनुसार सीएए लागू होने के बाद पिछले करीब एक महीने में स्वदेश लौटने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों (घुसपैठियों या
Intruders) की संख्या में काफी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है।

बीएसएफ के महानिरीक्षक (साउथ बंगाल फ्रंटियर) वाईबी खुरानिया ने शुक्रवार को कहा कि ऐसा लगता है कि सीएए के क्रियान्वयन के बाद अवैध प्रवासियों के बीच डर के कारण यह संख्या बढ़ी है। खुरानिया ने संवाददाताओं से कहा, “पिछले एक महीने में सीमावर्ती देश जाने वाले अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। हमने केवल जनवरी में 268 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ा जिनमें से अधिकतर लोग पड़ोसी देश जाने की कोशिश कर रहे थे।”

बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ ने हाल ही में कटीले तारों की जगह नई फेंस लगानी शुरू की है। इस फेंस को आसानी से काटा नहीं जा सकता है जबकि पुराने कटीले तारों को आसानी से काटकर अवैध घुसपैठिए भारत में आ जाते थे। फिलहाल करीब सात किलोमीटर लंबी इस स्मार्ट फेंस को बांग्लादेश सीमा से सटे असम के सिल्चर सेक्टर में लगाया गया है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने वाले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देशभर में विवाद है। जहां एक धड़ा इसका समर्थन कर रहा है तो वहीं एक बड़ा वर्ग इसे मुस्लिमों के खिलाफ बताकर विरोध-प्रदर्शन भी कर रहा है। उधर सरकार का दावा है कि यह पड़ोसी देशों में सताए हुए धार्मिक अल्पसंख्यकों को राहत देने वाला कानून है। सरकार का कहना है कि यह नागरिकता देने वाला कानून है, नागरिकता छीनने वाला नहीं। इसकी वजह से किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी, भले ही वह किसी भी धर्म या समुदाय का हो।

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