वाशिंगटन। शराब को हमेशा से ही मनुष्य के लिए हानिकारक माना जाता रहा है। इसकी लत न केवल स्वास्थ्य को नष्ट कर देती है, बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता है। शराबी का पारिवारिक जीवन तो खराब होता ही है, कई बार सामाजिक प्रतिष्ठा को भी गहरा आघात पहुंचता है। लंबे समय तक किए गए एक शोध के आधार पर अब वैज्ञानिकों ने भी अल्कोहल यानी शराब के दुष्परिणामों पर मुहर लगा दी है।
इस शोध के नतीजे बताते है कि अल्कोहल लेने की बुरी आदत कॉलेज के छात्रों को खराब जीवनशैली के कुचक्र में फंसा देती है। उनकी पढ़ाई तो प्रभावित होती ही है, मानसिक तनाव और कम नींद की शिकायत भी रहने लगती है।
इस शोध के लिए अमेरिका के बिंघमटन विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने देश के विभिन्न विश्वविद्लयों के 558 छात्र-छात्राओं पर सर्वे किया। इस दौरान उन्होंने पाया कि ज्यादा मात्रा में अल्कोहल का सेवन करने से विद्यार्थियों के शैक्षणिक प्रदर्शन में गिरावट आने के साथ ही वे मानसिक रूप से भी तनावग्रस्त रहते हैं। ऐसे छात्र-छात्राएं नींद न आने से भी परेशान थे।
शोधार्थियों के दल में शामिल असिस्टेंट प्रोफेसर लीना कहती हैं कि हमने रोबस्ट डाटा-मीनिंग तकनीक के जरिए कॉलेज के ऐसे छात्र-छात्राओं की पहचान की जो मादक द्रव्य के सेवन के चलते समाज से कटे रहते थे। कम नींद और मानसिक तनाव के कारण वे एक गंभीर संकट से गुजर रहे होते हैं। उनके व्यवहार में भी काफी बदलाव देखा जा सकता है। लीना ने कहा कि हमें ऐसे पदार्थों के सेवन में संयम बरतना चाहिए ताकि अपने परिवार और काम के प्रति संवेदनशील रहें।
ज्यादा शराब पीने के नुकसान/दुष्परिणाम
इसमें कोई रहस्य नहीं है कि शराब पीने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं जिनमें लीवर की घातक बीमारी सोरायसिस शामिल है। शोधकर्ताओं के अनुसार शराब का अधिक सेवन से 60 से अधिक बीमारियों हो सकती हैं। साथ ही शराब सड़क हादसों की भी एक बड़ी वजह है। शोधार्थियों के अनुसार, अल्कोहल के अधिक सेवन के ये घातक दुषप्रभाव हो सकते हैं।
कैंसर
वैज्ञानकों के अनुसार, खतरा तब और अधिक बढ़ जाता है जब शरीर में शराब एसीटैल्डिहाइड शक्तिशाली कैसरजन में परिवर्तित हो जाता है। ज्य़ादा शराब पीने से मुंह, गले, ग्रासनली (आहार नली), लीवर, स्तन, पेट और मलाशय के कैंसर का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। ज्याद शराब पीने वाला व्यक्ति यदि तंबाकू या उससे बने नशीलो पदार्थों का भी सेवन करता है तो ये खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
सोरायसिस
अल्कोहल लीवर सेल्स के लिए जहर के सामान है। अधिक शराब पाने वाले लोगों को सोरायसिस की शिकायत हो सकती है जो कभी-कभी घातक साबित होती है। सोरायसिस नाम की इस बीमारी मेंलीवर के भारी हो जाने के कारण व्यक्ति कार्य करने में असमर्थ हो जाता है।
हृदय रोग
अधिक शराब पीने पर प्लेटलेट्स की ब्लड क्लॉट्स के रूप में जमा होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके चलते हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक हो सकता है। ज्यादा शराब पीने वाले उन लोगों के लिए मौत का खतरा दोगुना हो जाता है जिन्हें पहले हार्ट अटैक पड़ चुका हो।
डिमेंशिया यानी पागलपन
उम्र बढ़ने के साथ ही औसत रूप से लगभग 1.9 प्रतिशत की दर से मस्तिष्क सिकुड़ता है। इसे सामान्य माना जाता है। लेकिन, अधिक शराब पीने से मस्तिष्क के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में इस संकुचन की गति बढ़ जाती है जिसके कारण स्मृति हानि और पागलपन के अन्य लक्षण उभरने लगते हैं।
एनीमिया यानि खून की कमी
बहुत अधिक मात्रा में शराब के सेवन से ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से कम होने लगती है। इस अवस्था को एनीमिया, रक्ताल्पता या खून की कमी कहते हैं। ऐसा होने पर थकान, सांस लेने में तकलीफ या सांस का उखड़ना जैसी समस्याएं होने लगती हैं।