पटना। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ धरना-प्रदर्शन के दौरान असम को भारत से तोड़ने की धमकी देने वाला जेएनयू का छात्र शरजील इमाम आखिरकार बिहार के जहानाबाद में पकड़ा गया। उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों की पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) उसको पकड़ने के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। बताया जा रहा है कि शरजील को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने\ गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने उसके छोटे भाई व दो अन्य लोगों को हिरासत में लिया था।
शरजील इमाम दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शन का कोऑर्डिनेटर है। अब तक उसके दो विवादित वीडियो सामने आए हैं।
दिल्ली पुलिस ने आज (मंगलवार) दावा किया था कि शरजील जल्द ही मिल जाएगा। उसकी तलाश के लिए गठित पांच टीमों ने मुंबई, दिल्ली, पटना के कई इलाकों में छापेमारी की।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के एक बड़े अधिकारी ने सोमवार को दावा किया था कि शरजील इमाम को 25 जनवरी 2020 को शाम करीब 7-8 बजे के बीच बिहार के फुलवारी शरीफ में एक मीटिंग में आखिरी बार देखा गया था। उसके बाद से ही वह पुलिस के रडार से गायब है।
शरजील के पिता ने जेडीयू टिकट पर लड़ा था चुनाव
शरजील का परिवार मूल रूप से बिहार के जहानाबाद जिले के काको का
रहने वाला है। शरजील के पिता अकबर इमाम जेडीयू नेता थे। कुछ साल पहले उनका लंबी
बीमारी के बाद निधन हो गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे अकबर इमाम ने
साल 2005 में जहानाबाद सीट से जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। जेडीयू की गठबंधन सहयोगी
होने के नाते उस चुनाव में उन्हें भाजपा का भी साथ मिला था। हालांकि वह आरजेडी के
उम्मीदवार सच्चिदानंद राय से 3000 से ज्यादा वोटों से चुनाव हार गए थे। अकबर इमाम के निधन के बाद
शरजील के छोटे भाई मुजम्मिल इमाम ने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाया। वह
काफी वक्त तक जेडीयू से जुड़ा रहा। कुछ महीने पहले जेडीयू छोड़ वह सीएए विरोधी
संगठनों से जुड़ गया। वह भी पटना, जहानाबाद समेत कई जगहों पर नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल
रहा और लोगों को इसके विरोध में लामबंद करने में जुटा है।