नई दिल्ली। विनिवेश प्रक्रिया के तहत आगे बढ़ते हुए केंद्र सरकार ने बजट 2020 ((Budget 2020) में ऐलान किया कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC of India) का कुछ हिस्सा बेचा जाएगा। इसके अलावा IDBI बैंक में भी सरकार हिस्सेदारी बेचेगी। हिस्सेदारी बेचने से पहले LIC का आईपीओ जारी किया जाएगा।
शनिवार को संसद में बजट 2020 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार एलआईसी के आईपीओ की मदद से अपनी हिस्सेदारी को बेचकर फंड जुटाएगी। जीवन बीमा क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी एलआईसी बाजार में सूचीबद्ध नहीं है। हालांकि, इस आईपीओ के लिए सरकार को एलआईसी एक्ट में संशोधन करना होगा। एलआईसी की निगरानी फिलहाल इंश्योरेंस रेग्युलेटरी डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (इरडा- IRDAI) करती है लेकिन इसका नियमन एलआईसी एक्ट 1956 के जरिए होता है। वित्त मंत्री ने आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की भी घोषणा की है।
एलआईसी ने ओएनजीसी जैसी सरकारी कंपनियों में भारी निवेश कर रखा है। हाल ही में इसने आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी लेकर उसे संकट से बाहर निकाला है। 2018 में बढ़ते एनपीए (NPA) की वजह से आईडीबीआई को आरबीआई ने PCA की सूची में डाल दिया था।
बजट 2020 में सरकार ने आईडीबीआई बैंक की हिस्सेदारी निजी निवेशकों को बेचने की घोषणा की है। एलआईसी ने हाल ही में आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। आईडीबीआई बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 46.46 फीसदी है। एलआईसी सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करने के अलावा शेयर बाजार में हर साल भारी मात्रा में निवेश करती है।
गौरतलब है कि सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश की मदद से 1.05 लाख करोड़ रुपये की आय का लक्ष्य रखा था। आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के मुताबिक सरकार 31 दिसंबर 2019 तक विनिवेश की मदद से मात्र 0.18 लाख करोड़ रुपये ही जुटा पाई है। 2019-20 में सरकार को आईआरसीटीसी के आईपीओ से 636 करोड़ रुपये जबकि रेल विकास निगम के आईपीओ से करीब 476 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा शत्रु संपत्तियों की बिक्री से सरकार को करीब 1,8821 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है।
केंद्र सरकार ने इसके साथ ही अगले वित्त वर्ष के विनिवेश लक्ष्य को मौजूदा वित्त वर्ष के लक्ष्य से दोगुना कर दिया है। वित्त वर्ष 2021 के लिए सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है।