नई दिल्ली।  नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के अलावा जिस राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (National Register of Citizens- NRC) को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, उसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में लिखित जवाब दिया। सरकार ने साफ कर दिया कि एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

 संसद में यह सवाल सांसद चंदन सिंह और नागेश्वर राव ने उठाया। उन्होंने पूछा- क्या सरकार के पास देश में एनआरसी  लाने की कोई योजना है? और यदि सरकार योजना बना रही है तो कट ऑफ की तारीखें क्या हैं, क्या केंद्र ने राज्यों के साथ इस पर चर्चा की है? गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने एक लिखित जवाब में कहा, “अब तक सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय नागरिकों के राष्ट्रीय रजिस्टर (NRIC) को तैयार करने के लिए कोई निर्णय नहीं लिया है।”

सीएएएनआरसी पर संसद में हंगामा

सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर मंगलवार को भी संसद के दोनो सदनों में जमकर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विपक्षी दलों ने एकजुट होकर सीएए, एनआरसी और एनपीआर को सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

पीएम मोदी ने भी एनआरसी पर साफ किया था रुख


देश भर में NRC और CAA के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। संसद ने दिसंबर 2019 में CAA को लेकर कानून बनाया था। प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 दिसंबर 2019 को NRC पर सभी आशंकाओं को दूर करने के प्रयास के तहत कहा था कि उनकी सरकार ने कहा था कि उनकी सरकार ने 2014 में पहली बार सत्ता में आने के बाद से कभी इस पर चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा था कि इस पर न संसद में चर्चा हुई न ही मंत्रिमंडल में। मोदी ने कहा, “मैं 130 करोड़ देशवासियों को बताना चाहता हूं कि 2014 में पहली बार मेरी सरकार के सत्ता में आने के बाद से NRC पर कभी चर्चा नहीं हुई।” उन्होंने कहा कि यह उच्चतम न्यायालय के आदेश की वजह से सिर्फ असम में किया गया। मोदी ने कहा,”नागरिकता कानून या NRC का भारतीय मुसलमानों से कुछ लेना देना नहीं है। उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।” उन्होंने कांग्रेस, उसके सहयोगियों और ‘शहरी नक्सलियों’ पर यह अफवाह फैलाने का आरोप लगाया कि मुसलमानों को निरोध केंद्रों में भेजा जाएगा।

error: Content is protected !!