नई दिल्ली। “हिंदू आतंकवाद” के मुद्दे पर चुनाव की जमीन तैयार हो गई है। भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भोपाल से लोकसभा की टिकट दिया है जहां उनका मुकाबला कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक दिग्विजय सिंह से होगा। दिग्विजय सह ने ही सबसे पहले “हिंदू आतंकवाद” शब्द का इस्तेमाल किया था। वर्ष 2018 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम पहली बरा चर्चा में आया था। इस मामले में वह जेल में भी रहीं। हालांकि अब वह इस मामले में बाइज्जत बरी हो चुकी हैं।

मप्र से चार भाजपा उम्मीदवारों की सूची जारी

भाजपा ने बुधवार को लोकसभा चुनाव 2019 के लिए जिन चार उम्मीदवारों की सूची जारी की उसमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का नाम शामिल हैं। मध्य प्रदेश के ही गुना से डॉ. केपी यादव को उम्मीदवार बनाया गया है जबकि सागर सीट से राजबहादुर सिंह और विदिशा से रमाकांत भार्गव को टिकट दिया गया है।


भाजपा की सूची जारी होने से पहले प्रज्ञा ठाकुर ने मध्य प्रदेश भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा में औपचारिक रूप से शामिल होने के बाद प्रज्ञा ठाकुर ने भाजपा कार्यालय से बाहर आते हुए मीडिया से कहा, “मैं दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल सीट से चुनाव लड़ने की लिए पूरी तरह से तैयार हूं और ये चुनाव मैं जीतूंगी भी।”

कट्टर हिंदूवादी की रही है छवि

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) और दुर्गावाहिनी जैसे भाजपा के अनुषांगिक संगठनों से जुड़ी रह चुकी हैं। उनकी छवि कट्टर हिंदूवादी के तौर पर रही है। दरअसल, मालेगांव कांड आदि को लेकर दिग्विजय सिंह, पी. चिदंबरम आदि कांग्रेस नेताओं ने “हिंदू आतंकवाद” को उछालकर जो हवा बनाई थी, उसके निशाने पर मुख्यतः साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और असीमानंद थे और ये दोनों ही अब अदालत द्वारा बरी किए जा चुके हैं। जाहिर है कि “हिंदू आतंकवाद” के मुद्दे पर जोरदर चुनावी टक्कर होनी तय है क्योंकि निशाने पर इस नई परिभाषा को गड़ने वाला और उसकी निशाना बनी भाजपा नेता आमने-सामने होंगे।

error: Content is protected !!