नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जामिया में हुई हिंसा की जांच अहम मोड़ पर है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहताने मंगलवार कोदिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) में सुनवाई के दौरान यह जानकारी दी। साथ ही कहा कि उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए और समय चाहिए। दूसरी ओर छात्रों की ओर से पेश वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि 93 विद्यार्थियो ने शिकायत दी है। उन पर हुई पुलिस कार्रवाई सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई है। इन शिकायतों पर तुरंत एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
दरअसल, मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अलग-अलग एफआईआर दर्ज करने के बजाए एक कॉमन एफआईआर होनी चाहिए। इस पर छात्रों के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा कि पुलिस की ओर से कई एफआईआर दर्ज हुई है लेकिन छात्रों की ओर से अभी कोई तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। इंदिरा जयसिंह ने कहा कि मौखिक दलीलों से काम नहीं चलेगा सरकार से 4 हफ्ते में लिखित में जवाब मांगा जाना चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सरकार से पिछले आदेश के अमल को लेकर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी।