नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बुधवार को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के गठन का ऐलान संसद में कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि इस न्यास में 15 न्यासी होंगे जिनमें से एक हमेशा दलित समाज से होगा। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
गृह मंत्री शाह ने ट्वीट कर कहा, “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे जिनमें से एक ट्रस्टी हमेशा दलित समाज से रहेगा। यह ट्रस्ट मंदिर से संबंधित हर निर्णय लेने के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा और 67 एकड़ भूमि ट्रस्ट को हस्तांतरित की जाएगी।” उन्होंने कहा, “मुझे पूर्ण विश्वास है कि करोड़ों लोगों का सदियों से जारी इंतजार शीघ्र ही समाप्त होगा और वे प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में उनके दर्शन कर पाएंगे।”
शाह ने कहा, “श्री राम जन्मभूमि पर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आज भारत सरकार ने अयोध्या में श्री राम के भव्य मंदिर के निर्माण के लिए अपनी कटिबद्धता दिखाते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास नाम से ट्रस्ट बनाने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।” उन्होंने कहा, “आज का यह दिन समग्र भारत के लिए अत्यंत हर्ष और गौरव का दिन है। …भारत की आस्था और अटूट श्रद्धा के प्रतीक भगवान श्री राम के मंदिर के संबंध में इस कदम के लिए मैं प्रधानमंत्री के प्रति आभार प्रकट करता हूं।”