नई दिल्ली। जेट एयरवेज की उड़ानें बुधवार को अस्थायी तौर पर बंद कर दी गईं। गंभीर नकदी संकट के चलते जेट एयरवेज लिमिटेड को मजबूरन परिचालन बंद करने का निर्णय लेना पड़ा। दरअसल, बैंकों ने फिलहाल कंपनी को आपात फंड उपलब्‍ध कराने से इनकार कर दिया है।

इस भारतीय एयरलाइन्स पर फिलहाल 1.2 बिलियन डॉलर का बैंक लोन है। मार्च के अंत में सहमत हुए एक बचाव सौदे के हिस्से के रूप में कंपनी अपने ऋणदाताओं से लगभग 217 मिलियन डॉलर का ऋण प्राप्त करने में विफल रही है। जेट एयरवेज लिमिटेड और इसके प्रमुख कर्जदाता बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

मौजूदा हालात को देखकर लगता है कि नरेश गोयल अब दोबारा शायद जेट एयरवेज लिमिटेड से नहीं जुड़ पाएंगे क्योंकि संभावित निवेशकों ने उनकी प्रविष्टि पर आपत्ति जताई है।कहा जा रहा है कि अन्य बोलीदाताओं के विरोध के मद्देनजर गोयल ने जेट एयरवेज की बोली प्रक्रिया से अपना नाम वापस ले लिया है। उद्योग सूत्रों के मुताबिक अगर गोयल को संकटग्रस्ट एयरलाइन के लिए बोली लगाने की अनुमति दी जाती तो एतिहाद और टीजीपी कैपिटल बोली प्रक्रिया से नाम वापस ले सकती थीं।

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