छतरपु (मध्य प्रदेश)। दोस्ती कई बार गलत राह पर भी ले जाती है। द्वापर युग में दुर्योधन के लिए कुछ भी कर गुजरने का अंगराज कर्ण का संकल्प उसे अधर्म के मार्ग पर ले गया। नतीजतन महभारत के युद्ध में उसे अपनी जान गंवानी पड़ी। यहां कोई राजा तो नहीं है पर एक वरिष्ठ सरकारी है- उपजिलाधिकारी यानी एसडीएम जिसने अपने दोस्त की मदद के लिए ऐसा षड्यंत्र रचा कि अपने छह सहयोगिय़ों के साथ हवालात में पहुंच गया।
मामला छतरपुर के एसडीएम कार्यालय का है। यहां बुधवार को कुछ लोगों ने एसडीएम कार्यालय पर हमला कर तोड़फोड़ की थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो बड़ा खुलासा हुआ। एसडीएम अनिल सपकाले खुद फंस गए। पुलिस ने उनके समेत सात लोगों को यह हमला करवाने का षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) जयराज कुबेर ने बताया कि सपकाले ने अपने मित्र पुष्पेंद्र सिंह गौतम की मदद करने लिए यह षड्यंत्र रचा था। सकपाले को गिरफ्तारी के बाद तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
जयराज कुबेर ने बताया कि श्रीकृष्ण विश्वविद्यालय के संचालक पुष्पेंद्र सिंह गौतम की व्यवसायिक प्रतिद्वंद्विता अभय सिंह भदौरिया से थी है क्योंकि भदौरिया खजुराहो विश्वविद्यालय की स्थापना करने जा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने जमीन भी हासिल कर ली है। कुबेर ने बताया कि इस मामले में सपकाले के अलावा पुष्पेंद्र सिंह गौतम, भाजपा नेता जावेद अख्तर, अमित सिंह परिहार, अर्जुन श्रीवास, संतोष सोनी और राजेंद्र सिंह को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में गिरफ्तार किया गया है।
जयराज कुबेर ने बताया कि गौतम ने पहले अपने मित्र एसडीएम सकपाले की सहायता से जमीन आवंटन संबंधी मामले में एक प्राथमिकी भदौरिया के खिलाफ दर्ज करवाई। भदौरिया इस मामले में हाई कोर्ट से अग्रिम जमानत लेने के प्रयास करने लगे तो उनकी जमानत रुकवाने के लिए एसडीएम ने षड्यंत्र करके अपने कार्यालय पर हमला करवा दिया। भदौरिया की शिकायत पर एसडीएम और उसके साथियों की कॉल डीटेल आदि की पड़ताल करने पर इस मामले का खुलासा हो गया।