नई दिल्ली। भाजपा मुख्यालय में गुरुवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक शख्स ने एकाएक पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा रावऔर भूपेंद्र यादव पर जूता फेंका। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत दबोच लिया और बाहर ले गए। यह अप्रत्याशित घटना तब हुई जब दोनों भाजपा नेता राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। भाजपा नेताओं को निशाना बनाकर जूता फेंकने वाले शख्स की पहचान कानपुर निवासी डॉ. शक्ति भार्गव के रूप में हुई है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, डॉ. शक्ति भार्गव ने बताया कि प्रॉपर्टी में घाटा होने की वजह से वह परेशान था और सिर्फ खुद को हाईलाइट करना चाहता था। उसने बताया कि उसकी जीवीएल नरसिम्हा रावसे कोई निजी रंजिश नहीं है, सिर्फ चर्चा में आने के लिए उसने यह हरकत की। शक्ति ने कहा कि उसके परिवार से सब ठीक चल रहा है। वह  दिल्ली आता रहता है और कई बार भाजपा कार्यालय आ चुका है।

समाचार लिखे जाने तक भाजपा की ओर से इस मामले में  आधिकारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई गई थी। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और आईबी शक्ति से पूछताछ कर रही हैं। पूछताछ और जांच के बाद ही कोई कार्रवाई होगी।  

भाजपा कि खिलाफ चलाता रहा है अभियान

पता चला है कि कानपुर का रहने वाला शक्ति भार्गव पेशे से डॉक्टर है। मेडिकल साइंस में एमएस डिग्री धारक शक्ति कानपुर में एक अस्पताल का संचालन करता है। वह पिछले कई दिनों से फेसबुक पर भाजपा के खिलाफ अभियान चलाता रहा है। उसने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का मुद्दा उठाया और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कई बार घेरने का प्रयास किया। फेसबुक के अनुसार, शक्ति भार्गव ने खुद को व्हिसल ब्लोअर बताया है।

कौन हैं डॉ. शक्ति भार्गव

डॉ. शक्ति भार्गव कानपुर के मशहूर अस्पताल भार्गव हॉस्पिटल के मालिक हैं और वह औद्योगिक महानगर के प्रमुख डॉक्टरों में गिने जाते हैं। हाल ही में वह बीआईसी बंगलों की खरीद-फरोख्त को लेकर आयकर विभाग की कार्रवाई के दायरे में आ गए थे। पता चला है कि इन बंगलों को लेकर उनके घर में “गृह युद्ध” छिड़ा हुआ है। डॉ. शक्‍ति के माता-पिता ने बेटा-बहू पर प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉ शक्ति भार्गव की मां ने कहा है कि अपने बेटे से उनका कोई संपर्क नहीं है।

सूत्रों के अनुसार आयकर विभाग की जांच में सामने आया है कि डॉ. शक्ति ने बीआईसी बंगलों को अपनी मां डॉ. दया भार्गव के नाम खरीदा, फिर उन्‍हें एक कंपनी बनाकर ट्रांसफर करा लिया। बाद में मां और भाई को ही कंपनी से बाहर कर दिया। हालांकि यह मामला हल होने से पहले करीब छह महीने पहले ही डॉ. शक्ति भार्गव के पिता वेद प्रकाश भार्गव का निधन हो गया। 

आयकर विभाग ने दिसंबर 2018 में मारे थे शक्ति के ठिकानों पर छापे

आयकर विभाग ने दिसंबर 2018 में डॉ. शक्ति भार्गव के घर व कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। आयकर विभाग के अनुसार, डॉ. शक्ति भार्गव ने स्काई लाइन निर्माण प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में करीब आठ करोड़ रुपये का निवेश किया था पर वह यह नहीं बता सके कि इस रकम का स्रोत क्या है और उन्होंने इतनी बड़ी रकम किस तरह से जुटाई है। स्काई लाइन निर्माण प्राइवेट लिमिटेड में कानपुर के बिल्डर अनूप अग्रवाल की भी भागीदारी है। आयकर विभाग अनूप अग्रवाल के प्रतिष्ठानों की जांच कर रहा है।

डायरी में दर्ज हैं गृह युद्ध के पूरे प्रमाण 

 
दरअसल, 500 करोड़ रुपये के बीआईसी के तीन बेशकीमती बंगले 11.5 करोड़ में खरीदने के साथ ही डॉ. शक्ति आयकर विभाग के रड़ार पर आ गए। उनके घर की तलाशी लेने पर अधिकारियों के हाथ एक फाइल लगी जिसमें  बंगलों की वजह से घर में छिड़े “गृह युद्ध” के पूरे प्रमाण दर्ज थे। डॉ शक्ति के पिता वेद प्रकाश और मां डॉ. दया भार्गव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उनकी उम्र 71 वर्ष है। सीनियर सिटीजन एक्‍ट के तहत दायर याचिका में दंपति ने बेटे डॉ.शक्‍ति भार्गव और उनकी पत्नी शिखा भार्गव पर प्रताड़ना का आरोप लगाया था। इस मामले में हाईकोर्ट ने कानपुर के जिलाधिकारी को तत्‍काल कार्रवाई करने के आदेश दिए थे जिसमें कहा गया था कि बेटे-बहू को घर से बाहर निकालकर वृद्ध दंपति को राहत दी जाए। 

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