नई दिल्ली। क्रिकेट को कलंकित कर देने वाले मैच फिक्सिंग प्रकरण के सरगना संजीव चावला को गुरुवार को लंदन से भारत लाया गया। अदालत के फैसले के बाद इंग्लैंड ने चावला को बुधवार को प्रत्यर्पित किया था। संजीव चावला कथित तौर पर मैच फिक्सिंग रैकेट में शामिल था। अब दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ करेगी। मैच फिक्सिंग में कई बड़े क्रिकेटरों के भी नाम सामने आए थे। चावला से पूछताछ में ऐसे कई चेहरे बेनकाब हो सकते हैं।
डीसीपी राम गोपाल नाइक के नेतृत्व में दिल्ली पुलिस की एक टीम सुबह 10.30 बजे संजीव चावला कोलेकर यहां पहुंची और सीधे आरकेपुरम स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय ले गई। वह वर्ष 2000 में खेल जगत को हिला देने वाले मैच फिक्सिंग कांड का मुख्य आरोपित है।
संजीव चावला 1996 में ही लंदन पहुच गया था। सूत्रों के मुताबिक उसने मुंबई के कुछ उद्योगपतियों और डी कंपनी के संचालकों के संरक्षण में 90 के दशक में सट्टेबाजी गिरोह का संचालन किया था। आरोप है कि उसने दक्षिण अफ्रीका, भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों के शीर्ष क्रिकेटरों के माध्यम से मैच फिक्स किए। साल 2000 में उसका भारतीय पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था। वर्ष 2005 में उसे ब्रिटेन का पासपोर्ट मिल गया था।
गौरतलब है किदिल्ली पुलिस ने वर्ष 2000 में भारत-दक्षिण अफ्रीका मैच को फिक्स करने के आरोप में मेहमान टीम के तत्कालीन कप्तान हैंसी क्रोन्ये और पांच अन्य के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। बाद में सबूतों के अभाव में हर्शल गिब्स और निकी बोए के नाम इस चार्जशीठ से हटा दिए गए जबकि हैंसी क्रोन्ये की विमान दुर्घटना में मौत हो चुकी है।
क्राइम ब्रांच द्वारा संजीव चावला पर तैयार डोजियर से पता चलता है कि उसके लंदन स्थित 4 मोंक विले एवेन्यू बंगले में कई भारतीय क्रिकेटरों का आना-जाना लगा रहता था। इतना ही नहीं, पुलिस द्वारा बरामद चावला की फोन सूची से वर्ष 2000 के जनवरी से मार्च के बीच कॉल डेटा रेकॉर्ड्स (सीडीआर) में भी इन खिलाड़ियों के फोन नंबर पाए गए हैं।