अहमदाबाद। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को लेकर रहस्य गहरा गया है। उनकी पत्नी किंजल पटेल के अनुसार वह पिछले 20 दिनों से लापता हैं। किंजल पटेल ने गुजरात प्रशासन पर उनके पति को टारगेट करने का आरोप लगाया है। किंजल ने एक वीडियो मैसेज से कहा, ‘‘हमें उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उनके लापता होने से हम बहुत चिंतित हैं।’’ हार्दिक पटेल को देशद्रोह के मामले में 18 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। गौरतलब है कि हार्दिक गुजरात में पाटीदारों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर हुए आंदोलन के दौरान युवा नेता के तौर पर उभरे थे। वह भाजपा और गुजरात की भाजपा सरकार के खिलाफ काफी मुखर रहे हैं।
किंजल ने कहा, “2017 में सरकार ने कहा था कि पाटीदारों पर लगे सभी मामले वापस लिये जाएंगे। फिर वे अकेले हार्दिक को ही क्यों निशाना बना रहे हैं। पाटीदार आंदोलन के उन दो नेताओं को क्यों नहीं निशाना बनाया जा रहा है जो भाजपा में शामिल हो गए। सरकार यह नहीं चाहती है कि हार्दिक लोगों से मिलें और बातचीत करें। सरकार चाहती है कि वे जनता के मुद्दों को उठाना बंद कर दे।”
वैसे, हार्दिक पटेल ने बीती 11 फरवरी को ट्वीट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विधानसभा चुनाव में जीत पर बधाई दी थी। इससे पहले 10 फरवरी 2020 को भी उन्होंने एक ट्वीट किया था जिसमें लिखा था, “चार साल पहले गुजरात पुलिस ने मेरे खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया था। लोकसभा चुनाव के दौरान मुझ पर लगे मुकदमों की सूची मैंने अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर से मांगी थी लेकिन यह मुकदमा सूची में नहीं था। 15 दिन पहले अचानक पुलिस मेरे घर पर मुझे हिरासत में लेने आई थी लेकिन मैं घर पर नहीं था।” हार्दिक ने आगे यह भी लिखा था, “इस झूठे मूकदमे में मेरी अग्रिम ज़मानत की प्रकिया हाईकोर्ट में चल रही हैं। मेरे खिलाफ कई ग़ैर ज़मानती वारंट भी निकाले गए हैं। गुजरात में पंचायत चुनाव आ रहे है, इसीलिए भाजपा मुझे जेल में बंद करना चाहती है। मैं भाजपा के ख़िलाफ़ जनता की लड़ाई लड़ता रहूंगा। जल्द मिलेंगे। जय हिंद।”
गौरतलब है कि देशद्रोह मामले को लेकर अहमदाबाद के ट्रायल कोर्ट में पेश नहीं होने के बाद हार्दिक को 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। रिहा होने के बाद उन्होंने ट्वीट के जरिए संकेत दिया था कि वह अपना संघर्ष जारी रखेंगे। हार्दिक के खिलाफ वर्ष अक्टूबर 2015 में क्राइम ब्रांच ने उनकी भड़काऊ टिप्पणियों के लिए देशद्रोह के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया था। हार्दिक पर आरोप है कि उन्होंने अपने समर्थकों को आरक्षण के लिए आत्महत्या करने के बजाय पुलिसकर्मियों को मारने के लिए कहा था। इस आंदोलन के दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे।