नई दिल्ली। पिछले महीने दिल्ली में हुए दंगों के दौरान जाफराबाद में 8 राउंड फायरिंग कर इस हिंसा का “पोस्टर ब्वाय” बन चुका शाहरुख पठान आखिरकार पकड़ा गया। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने उसे उत्तर प्रदेश के शामली से धर दबोचा। 24 फरवरी को हिंसा भड़कने के दौरान शाहरुख अपने साथी दंगाइयों के साथ पिस्तौल लहराते हुए सड़कों पर उतर आया था। उस दौरान उसने गोलियां चलाने के साथ ही हेड कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तान दी थी। दूसरी ओर आईबी कर्मचारी अंकित शर्मा की हत्या का आरोपित आम आदमी पार्टी (आप) का पार्षद ताहिर हुसैन अब भी फरार है। दंगे में नाम आने के बाद आप ने ताहिर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।
घटनक्रम के अनुसार 24 फरवरी को दोपहर 3:30 बजे जाफराबाद की तरफ घोंडा चौक की ओर भीड़ पथराव करते हुए बढ़ रही थी। उसी दौरान लाल टीशर्ट पहने शाहरुख हाथ में पिस्तौल लिये जाफराबाद की सड़कों पर इधर-उधर दौड़ता हुआ देखा गया था। इससे पीछे की तरफ कई वाहनों को फूंक दिया गया था। पुलिस भीड़ को रोकने के लिए आगे बढ़ी तो शाहरुख पिस्टल लहराता हुआ आगे आने लगा। एक पुलिसकर्मी ने हिम्मत कर उसे रोकने की कोशिश की लेकिन वह लगातार फायरिंग करता चला गया।
उसके पिता के आपराधिक रिकार्ड और ड्रग्स तस्करों के साथ उसके संबंधों के मद्देनजर पुलिस को उसके पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही कहीं छुपे होने का शक था। दिल्ली पुलिस उसको मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली, मुरादाबाद, रामपुर और शामली में तलाश रही थी।
शाहरुख दिल्ली के थाना उस्मानपुर के अरविंद नगर की गली नंबर-5 में यू-108 का रहने वाला है। उसका परिवार पंजाब से यहां आकर बसा था। उसके परिवार में एक बड़ा भाई और मां-बाप हैं लेकिन 24 फरवरी की शाम से ही पूरा परिवार लापता है। बताया जा रहा है कि शाहरुख का परिवार साल 1985 से वहां रहता है। पुलिस के अनुसार उसका परिवार ड्रग्स की तस्करी में लिप्त रहा है। यह भी सामने आया है कि शाहरुख के पिता शावर पठान का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। बताया जा रहा है कि ड्रग्स बेचने के मामले में शावर पठान दो बार जेल भी जा चुका है। हाल ही में वह जेल से छूटा था।