नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST Council) ने मोबाइल फोन पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने का निर्णय किया है। नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। सरकार के इस कदम से आम आदमी की जेब पर फटका लगना तय है।
परिषद की शनिवार को हुई बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि मोबाइल फोन और उससे जुड़े कुछ हिस्सों पर टैक्स रेट में बढ़ोत्तरी का निर्णय किया गया है। जीएसटी के भुगतान में देरी पर ब्याज नेट टैक्स लायबलिटी पर लिया जाएगा। इसकी गणना एक जुलाई 2017 से की जाएगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी परिषद ने GSTN से जुड़ी तकनीकी खामियों पर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान नंदन नीलेकणी ने जीएसटी नेटवर्क को बेहतर बनाने के लिए विस्तृत प्रजेंटेशन पेश किया। नीलेकणी ने परिषद को आश्वस्त किया कि सभी प्रस्तावित बदलावों को शामिल करने के बाद सभी तरह की खामियों को जनवरी 2021 तक दूर कर लिया जाएगा। हालांकि, परिषद ने मेंटेंनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल सर्विस प्रोवाइडर्स (MRO Service Providers) को राहत देते हुए जीएसटी टैक्स को 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही फुल इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ देने का भी फैसला किया गया है।
हालांकि, परिषद ने वर्तमान Economic Slowdown एवं Coronavirus Impact के कारण कुछ सामानों पर टैक्स रेट में बदलाव को फिलहाल टाल दिया।