नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से फैली महामारी और लॉकडाउन की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र की नरेंज्र मोदी सरकार ने गुरुवार को खजाना खोल दिया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों, गरीबों और लॉकडाउन से प्रभावित सभी लोगों के लिए कुछ न कुछ राहत की घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने लॉकडाउन से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के साथ-साथ गांवों में रहने वालों के लिए 1.7 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की।
राहत पैकेज की खास बातें
-कोरोना वायरस से जंग के लिए मेडिकल टेस्ट, स्क्रीनिंग और अन्य जरूरतों के लिए डिस्ट्रिक्ट मिनेरल फंड का इस्तेमाल करने की आजादी राज्य सरकारों को दी जाएगी। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए भी इस फंड का उपयोग किया जाएगा।
-50 लाख रुपये का बीमा कवर उन लोगों को मिलेगा जो कोरोना वायरस के इलाज में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। इनमें डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारी आदि शामिल हैं।
-100 से कम कर्मचारियों वाली कंपनी जिसमें 90 प्रतिशत कर्मचारियों का वेतन 15,000 रुपये से कम है, उसके कर्मचारियों के ईपीएफओ खाते में सरकार अगले तीन महीने तक कर्मचारी और कंपनी की तरफ से रुपये डालेगी। सरकार दोनों की तरफ से 12-12 प्रतिशत का योगदान करेगी। इससे 80 लाख से ज्यादा मजदूरों को लाभ लेगा।
-संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ के रेगुलेशन में बदलाव किया जाएगा। अब कर्मचारी अपने भविष्य निधि खाते से 75 प्रतिशत धनराशि या तीन महीने का वेतन, जो भी कम हो, की निकासी कर सकते हैं। ये रुपये उन्हें वापस नहीं करने होंगे।
–निर्माण (construction) क्षेत्र से जुड़े 3.5 करोड़ मजदूरों के लिए 31,000 हजार करोड़ रुपये के फंड का सदुपयोग किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकारों से कहा जाएगा।
-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को खाद्य राहत दी जाएगी। 5 किलो गेहूं या चावल पहले से मिलता था, अब सरकार अगले तीन महीने तक 5 किलोग्राम मुफ्त में देगी। लोगों को अपनी पसंद की 1 किलो दाल हर महीने फ्री मिलेगी। सरकार किसी को भूखा नहीं रहने देगी, हर किसी को अन्न मिलेगा।
-किसानों को 6000 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत 6000 रुपये मिलते हैं। अब उन्हें 2,000 रुपये सीधे तौर पर दिए जाएंगे। इससे 8.69 करोड़ किसानों को इस कठिन समय में मदद मिलेगी। ये रुपये अप्रैल के पहले सप्ताह में खाते में डाल दिए जाएंगे।
-ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा के तहत काम करने वालों को अब 182 रुपये के बदले 200 रुपये मिलेंगे। इससे 5 करोड़ परिवारों को मदद मिलेगी।
-गरीब वरिष्ठ नागरिकों, विधावाएं और दिव्यांगों को तीन महीने तक अतिरिक्त 1,000 रुपये डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिये दिया जाएगा।
-महिला जन-धन खाताधारकों को 500 रुपये उनके खाते में भेजी जाएंगे। इससे 20 करोड़ महिलाओं को लाभ होगा।
-उज्ज्वला स्कीम के तहत 8 करोड़ से ज्यादा बीपीएल महिलाओं को इस कठिन समय में तीन महीने तक एलपीजी सिलेंडर मुफ्त में दिया जाएगा।
-63 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप को 20 लाख रुपये तक का कोलैटरल फ्री लोन मिलेगा। ऐसे सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े 7 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। पहले ऐसे लोन की सीमा 10 लाख रुपये थी।