नई दिल्‍ली। देश में संपूर्ण लॉकडाउन की घोषणा के बाद प्रवासी कामगारों के बड़े पैमाने पर पलायन ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की चिंता बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्‍य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए देशव्‍यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों/मजदूरों के शहरों से घरों की ओर हो रहे बड़ी तादाद में पलायन को रोकें और खाद्यान्न समेत सभी जरूरी चीजों का आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। दरअसल, देखा यह जा रहा है कि 21 दिन के लॉकडाउन की घोषणा के बाद बड़े पैमाने पर प्रवासी कामगार और मजदूर पैदल ही अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। हालंकि इन कामगारों की अपनी चिंताएं हैं पर पलायन जारी रहने पर संक्रमण के दूर-दराज के क्षोत्रों में फैलने की आशंका है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए परामर्श में कहा है कि वे छात्रावासों और कामकाजी महिला छात्रावासों में जरूरी वस्‍तुओं की निर्बाध आपूर्ति को सुनिश्चित करें जिससे कि कामगार और मजदूर गांवों की ओर पलायन नहीं कर पाएं। होटल, किराए के मकान और छात्रावास संचालित होते रहें।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने बताया कि सरकार ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाजरी जारी कर कहा है कि वे प्रवासी कृषि मजदूरों, उद्योगों में लगे कामगारों एवं असंगठित क्षेत्र में काम कर रहे लोगों के बड़े पैमाने पर गांवों की ओर हो रहे पलायन को रोकें ताकि कोरोना वायरस से संक्रमण को दूरदराज के इलाकों में फैलने से रोका जा सके। यही नहीं राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी कहा गया है कि वे मजदूरों एवं वंचित तबके के लोगों को सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में बताएं जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जीता जा सके। एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्‍यों के अधिकारी वंचित तबके के लोगों को बताएं कि सरकार राशन की दुकानों पर नि:शुल्क गेहूं, चावल और दाल उपलब्ध करा रहे हैं। यह पहलकदमी बड़े पैमाने पर हो रहे पलायन को रोकने में मददगार साबित होगी। गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश यह भी सुनिश्चित करें कि सभी होटल, किराए के मकान और छात्रावास आदि संचालित होते रहें। साथ ही जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति निर्बाध सुनिश्चित कराई जाए ताकि छात्र-छात्राएं और महिला छात्रावासों (पीजी) में रहने वाली महिलाएं जहां हैं वहीं बनी रहें।

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