नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद आम आदमी की सबसे बड़ी चिंता इस बात को लेकर है कि कहीं खाने-पीने के सामान की कमी न हो जाए। इसी डर के चलते लोग Panic buying (घबराहट में खरीद) कर रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के इस आश्वसन का भी कोई असर होता नहीं दिख रहा कि आवश्यक सामान की कमी नहीं होने दी जाएगा। हालांकि आपूर्ति सामान बनाए रखने के लिए सरकारी मशीनरी ने पूरी ताकत झोंक रखी है। भारतीय रेलवे ने यात्री ट्रेनों का परिचालन भले ही रोक दिया हो पर मालगाड़ियों में लोडिंग-अनलोडिंग हो रही है। रेल मंत्रालय ने शुक्रवार को बताया कि पिछले चार दिनों में रेलवे ने एक लाख से ज्यादा वैगन (मालगाड़ी का डिब्बा) में आवश्यक वस्तुओं का लदान किया है।
रेल मंत्रालय ने ट्वीट किया है, “पिछले चार दिनों में लगातार चौबीसों घंटे काम करते हुए हमने एक लाख वैगन में आवश्यक वस्तुओं का लदान किया है। इनमें अनाज, कोयला, पेट्रोलियम उत्पाद, खाने वाला तेल, प्याज, फल-सब्जियां, चीनी, नमक और दूध आदि शामिल हैं।” मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े स्टाफ- लोको पायलट, स्टेशन मास्टर, कंट्रोलर, माल लिपिक और मेंटेनेंस स्टाफ को विभिन्न स्टेशनों, नियंत्रण कक्ष और माल यार्ड में तैनात किया गया है।
गौरतलब है कि फैक्ट्रियां व निर्माण कार्य बंद होने की वजह से आर्थिक तंगी के चलते खाने-पीने की किल्लत और लॉकडाउन के चलते बड़ी तादात में मजूदारों का पलायन हो रहा है। इससे दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में भी संक्रमण का खतरा पैदा हो गया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों के शहरों से घरों की ओर हो रहे बड़ी तादाद में पलायन को रोकें।
शहरों और महानगरों में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत नहीं हो इसके लिए चौतरफा कोशिशें की जा रही हैं। रेल मंत्रालय भी इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। रेलवे की ओर से निर्बाध आपूर्ति की हरसंभव कोशिश की जा रही है। दिल्ली के डीआरएम एससी जैन ने कहा कि कर्मचारियों को सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। स्टेशन, लोकोमोटिव आदि सभी कार्यस्थलों को सैनिटाइज किया जा रहा है।