बरेली। बरेली में शहर से लेकर देहात तक कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे के मद्देनजर मस्जिदों में जुमे की नमाज नहीं पढ़ी गयी। शुक्रवार को मस्जिदों में ताले दिखे और नमाज-ए-जुमा घरों में अदा की गयी। गुरुवार को दरगाह आला हजरत से की गयी अपील पर मस्जिदों के दरवाजे नमाजियों के लिए नहीं खोले गये।
मस्जिदों से अजान के बाद आसपास रहने वाले मुस्लिमों ने जुमे की नमाज घरों में ही अदा की। बरेली के पुराना शहर, जसौली, मलूकपुर, आजम नगर, कोहाड़ापीर, बाकरगंज, हजियापुर आदि मोहल्ला में घरों में ही नमाज पढ़ने की हिदायत दी गई। नमाजियों ने बताया कि कि हम लोग आज नमाज पढ़ने मस्जिद गये थे लेकिन कुछ मस्जिदें बंद थीं और कुछ में नमाज पढ़ाने से मना कर दिया गया। मस्जिद इमाम उनसे कहा कि दरगाह आला हजरत के मरकज से घरों में नमाज पढ़ने का फरमान जारी हुआ है।
इसके अलावा गांव की मस्जिदों पर ताले डालकर घर में नमाज पढ़ने के पोस्टर लगाये गये थे। मोहनपुर ठिरिया में मस्जिद कमेटी ने नमाजियों से अपील की कि वे लॉकडाउन तक मस्जिद में नमाज अदा न करने आएं और अपने घरों पर नमाज अदा करें। मोहनपुर जामा मस्जिद की कमेटी ने मस्जिद के गेट पर न आने की अपील का पोस्टर भी चस्पा कर दिया है।
आंवला की मस्जिदों में डाल दिये गये ताले
आंवला प्रतिनिधि के अनुसार तहसील की सभी प्रमुख मस्जिदों में ताले डाल दिये गये। साथ ही मस्जिदों के मुतबल्ली और प्रशासन ने लोगों से घरों में ही नमाज पढ़ने की बात कही। मस्जिदों से बताया गया कि दरगाह आला हजरत से कोरोना के बचने को घरों में ही नमाज-ए-जुमा अदा करने का ऐलान किया गया है।