नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण का फैलाव रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन की वजह से घरों में कैद लोगों को केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय बड़ी राहत देने जा रहा है। इस कठिन समय में यदि कोई व्यक्ति बिजली का बिल भर पाने में सक्षम नहीं है तो उसे चिंता करने की जरूरत नहीं है। उसका कनेक्शन नहीं कटेगा। ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र भेजा जा रहा है। इससे पहले केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शनिवार को ही राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के लिए राहत पैकेज की मंजूरी दी।

 मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिख कर कहा जा रहा है कि वे अगले तीन महीने तक किसी ग्राहक की बिजली नहीं काटें। यही नहीं, तीन महीने की देरी से बिल का भुगतान करने पर कोई जुर्माना भी नहीं लगाएं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है यह सुविधा सिर्फ घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगी या औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी हासिल होगी।

ऊर्जा मंत्रालय ने बिजली क्षेत्र के लिए जो राहत पैकेज की घोषणा की, उसके अंतर्गत राज्य सरकार के अधीन काम करने वाली बिजली वितरण कंपनियों को अगले तीन महीने तक उनके द्वारा खरीदी गई बिजली का तुरंत भुगतान करने से छूट है। उनकी बिजली खरीद के लिए जमा की जाने वाली सुरक्षा राशि में 50 प्रतिशत कीराहत दी गई है।

मंत्रालय का कहना है कि लॉकडाउन के कारण, राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों के पास पूरा राजस्व नहीं आ रहा है। ऐसे में वे बिजली बनाने वाली और ट्रांसमिशन कंपनियों को पूरा भुगतान नहीं कर पा रही हैं। जाहिर सी बात है कि जब उनके पास आमदनी नहीं होगी तो वे भुगतान कैसे करेंगे। इसलिए रिजर्व बैंक ने जैसे ईएमआई की किस्त भरने से तीन महीने की छूट दी है, वैसे ही बिजली क्षेत्र में भी व्यवस्था की गई है।

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