बरेली, 14 फरवरी। मरीजों के दिल, दिमाग का इलाज करने वाले रविवार की शाम दिल के हाथों मजबूर दिखे। अपने हमसफर का हाथ थामकर रोमांटिक गानों पर थिरके तो किसी ने ‘अपने हमसफर‘ के लिए गीतों से शाम सजायी। मौका था डाॅक्टर्स वैलेण्टाइन डे का और स्थान रहा आईएमए सभागार। कार्यक्रम के दौरान ‘मौसम‘ आशिकाना रहा। आयोजन किया गया था आईएमए की ओर से।
आईएमए अध्यक्ष डाॅ. रवीश हों या उनकी पत्नी साधना। डा. सरन हों या डा. किरन, डाॅ. अनुपम और डाॅ. मृदुला शर्मा, डाॅ. सत्येन्द्र, डाॅ. अनीस सभी ने पूरी मस्ती की। सभी को काॅलेज के दिन याद आ गये। आमतौर पर भागमभाग और काम के बोझ के मारे दिखने वाले माता-पिता के इस रूप को देखकर बच्चे भी बहुत खुश दिखे।
वैलेण्टाइन डे की शाम आइएमए परिसर को सफेद और लाल फूलों से सजाया गया था। डाॅ. रवीश और साधना ने रंग दे मुझे गेरूआ…गीत गाया। इसके बाद एक-एक करके डाॅक्टर्स ने अपने जीवनसाथियों के साथ विभिन्न कार्यक्रम पेश किये। डा. आदित्य माहेश्वरी और पारूल माहेश्वरी ने पीछे-पीछे गीत मितवा…और ये हंसी वादियां…गाया। डा. सत्येन्द्र सिंह ने भी अपने ही अंदाज में गीत पेशकर सबको मोह लिया। डा. सुदीप सरन, डा. भारती सरन, डा. किरन आनंद ने भी पुराने जमाने के गीत गाये।
इस दौरान खचाखच भरा आईएमए सभागार कई बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा तो सीटियांे ने भी माहौल में जोश भरने में उत्प्रेरक का काम किया। कार्यक्रम को सजीव बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी गयी। यहां तक की सीन की जरूरत के हिसाब से आईएमए अध्यक्ष मंच पर बाइक भी दौड़ाने लगे।
कार्यक्रम में डाॅ. डीपी गंगवार, डाॅ. अनीस बेग, डाॅ. जेके भाटिया, डाॅ अतुल अग्रवाल, डाॅ. लतिका अग्रवाल, डा. संजीव एवं डा. वंदना, डाॅ. देवेन्द्र समेत बड़ी संख्या डाॅक्टर्स मौजूद रहे और मंच पर अपने हुनर का जलवा बिखेरा।