वुहान। अपने यहां की सूचनाएं बाकी दुनिया से छुपाने से लेकर आधी-अधूरी जानकारी देने जैसी कारगुजारियों के चलते चीन एक रहस्ययलोक की तरह है। हरकतें कुछ ऐसी कि लोग उस पर जल्दी विश्वास नहीं करते। इसी चीन के वुहान शहर से शुरू हुए कोरोना वायरस (कोविड-19) ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। चीन सरकार संक्रमण फैलने की बात को छुपाती रही और हालात बेकाबू होने पर ही दुनिया को सच्चाई बताई। और अब दो महीने बाद चीन कोरोना वायरस से मरने वालों के बारे में जो जानकारी दे रहा है, उसने शक की चादर के और तान दिया है। कोरोना वायरस के चलते जो वुहान शहर भुतहा-सा नजर आने लगा था, चीन के अधिकारियों के अनुसार वहां केवल 3,182 लोगों की संक्रमण के करण मौत हुई। इसके विपरीत स्थानीय निवासियों का मानना है कि कम से कम 42 हजार कोरोना पॉजिटिव लोगों की मौत हुई है।
बड़ा कोरोबारी शहर वुहान चीन के हुबोई प्रांत में है। यहां से शुरू हुए कोरोना वायरस ने आसपास के कई शहरों को भी जल्द ही अपनी चपेट में ले लिया था। चीनी अधिकारियों के मुताबिक कोरोना वायरस से पूरे देश में अब तक 3300 लोगों की मौत हो चुकी जबकि 81 हजार लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें से 3,182 लोगों की केवल वुहान में मौत हुई। लेकिन, वुहान के लोग कुछ और ही बताते हैं। उनका दावा है कि 500 अस्थिकलश हर दिन मृतकों के परिवारों वालों को दिए जा रहे हैं। दरअसल, संक्रमण न फैले,इसके मद्देनजर चीन सरकार के आदेश पर कोरोना वायरस से मरने वाले सभी लोगों का दाह संस्कार किया जा रहा है।
हरेक 24 घंटे में 3500 लोगों को दिए जा रहे अस्थि कलश
अस्थि कलश देने का यह सिलसिला सात अलग-अलग अंतिम संस्कार स्थलों से जारी है। इस आंकड़े से अनुमान लगाएं तो हरेक 24 घंटे में 3500 लोगों को अस्थि कलश दिए गए। हांकू, वुचांग और हनयांग में लोगों को कहा गया है कि उन्हें 5 अप्रैल तक अस्थि कलश दिए जाएंगे। इसी दिन किंग मिंग महोत्सव शुरू होने जा रहा है जिसमें लोग अपने पूर्वजों की कब्र पर जाते हैं। इस तरह से अनुमान लगाएं तो अगले 12 दिनों में 42 हजार अस्थि कलश वितरित किए जाएंगे। इससे पहले की रिपोर्ट में कहा गया था कि हांकू में ही केवल दो बार में 5000 हजार अस्थि कलश दिए गए थे। ये खबरें ऐसे समय पर आई हैं जब करीब दो महीने के लॉकडाउन के बाद जनता को छूट दी गई है। जिन लोगों के पास ग्रीन हेल्थ सर्टिफिकेट है, उन्हें ही आने-जाने की इजाजत दी गई है। वुहान के रहने वाले झांग कहते हैं कि चीन सरकार की ओर से दिया गया मौतों का आधिकारिक आंकड़ा सही नहीं है क्योंकि लाशों को जलाने वाले 24 घंटे काम कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि अगर इतनी कम मौतें हुई हैं तो अंतिम संस्कार करने वालों को 24 घंटे काम क्यों करना पड़ रहा है। वुहान के ही रहने वाले माओ ने कहा कि संभवत: अधिकारी धीरे-धीरे मौतों का सही आंकड़ा जारी कर रहे हैं, ताकि लोग धीरे-धीरे वास्तविकता को स्वीकार कर लें। हुबेई प्रांत के एक सूत्र ने कहा कि कई लोग तो बिना आधिकारिक रूप से इलाज के ही अपने घरों में मर गए। एक महीने में ही 28 हजार लोगों का अंतिम संस्कार किया गया।