लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कारोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों और तब्लीगी जमात की वजह से उत्पन्न विषम स्थिति के मद्देनजर सरकार ने राज्य में सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढऩे पर रोक लगा दी है। गुरुवार को यहां अधिकारियों के साथ बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को इसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए।

फिलहाल प्रदेश सरकार की सबसे ज्यादा चिंता तब्लीगी जमात को लेकर ही है। दिल्ली के आयोजन से सतर्क मुख्यमंत्री ने विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए गठित 11 कमेटियों के शीर्ष अधिकारियों (टीम-11) की बैठक में सख्त निर्देश दिए कि सावर्जनिक स्थल पर नमाज कतई न पढऩे दी जाए। इसके अलावा जो भी जमाती पुलिस और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ असहयोग या बदसलूकी करें, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पहले योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास पर विभिन्न व्यवस्थाओं के लिए टीम-11 के साथ बैठक की। इसमें उन्होंने कहा कि लॉकडाउन का सौ प्रतिशत पालन कराया जाए। पुलिसकर्मी संवेदनशीलता के साथ लोगों को समझाएं। कानून का पालन न करने पर वैधानिक कार्रवाई की जाए। निजामुद्दीन मरकज के कार्यक्रम सो लौटे तब्लीगी जमात के हर व्यक्ति को हर हाल में ढूंढ निकाला जाए। उसकी पूरी निगरानी हो। जो विदेशी हैं, उनके पासपोर्ट जब्त कर जांच की जाए। कानून तोड़ा है तो एनडीआरएफ एक्ट के तहत कार्रवाई करें। जिन लोगों ने जमातियों को छुपाया है या अवैध ढंग से शरण दी है, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तब्लीगी जमात से जुड़े जिन लोगों को क्वारंटाइन किया गया है, उनकी सख्ती से निगरानी करें। सोशल डिस्टेंसिंग और स्वास्थ्य के सारे प्रोटोकॉल का सख्ती से उनसे पालन कराएं। यदि वे पुलिसकर्मियों या स्वास्थ्यकर्मियों के साथ सहयोग न करें और बदसलूकी करें तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि तब्लीगी जमात की गलतियों का खामियाजा पुलिसकर्मियों, स्वास्थ्यकर्मियों और प्रदेशवासियों को नहीं भुगतने देंगे।

क्वारंटाइन सेंटर से लोगों के भागने को लेकर मुख्यमंत्री खासे गंभीर नजर आये। कहा, हर व्यक्ति को भोजन मिले। कोई भूखा नहीं रहना चाहिए। शेल्टर होम अच्छे बनाए जाएं। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन हो। भोजन के साथ एक वक्त चाय भी अवश्य दें। खुद जिलाधिकारी शेल्टर होम की जिम्मेदारी देखें। क्वांरटाइन सेंटरों में भी अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। भोजन आदि का बेहतर प्रबंध हो। साथ ही सुरक्षा की पूरी व्यवस्था हो ताकि कोई मरीज भाग न सके। कोई मरीज भागा तो जिलाधिकारी और पुलिस कप्तान सीधे तौर पर जवाबदेह होंगे।

योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मंडियों में पहुंच रही सब्जी और फलों की पूरी कीमत किसानों को मिलनी चाहिए। कोशिश करें कि उनके उत्पाद सौ प्रतिशथ बिक जाएं। यदि बचते हैं तो सरकारी विभाग इन उत्पादों को खरीदकर जरूरतमंदों तक पहुंचाएं।

बैंककर्मियों का पहचान पत्र ही माना जाएगा पास

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बैंककर्मी इस आपदा के समयलगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें किसी तरह की असुविधा नहीं होनी चाहिए। उनके पहचान पत्र को ही लॉकडाउन पास के तौर पर स्वीकार किया जाए। बैंकों की पूरी सुरक्षा होनी चाहिए।

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