मनीला (फिलीपींस)। कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए भारत, अमेरिक समेत कई देशों में लॉकडाउन लागू किया गया है लेकिन इसे तोड़ने वाले गैरजिम्मेदार और समाजविरोधी लोग हर जगह हैं। न केवल भारत में पुलिस ऐसे लोगों को दौड़ा रही है बल्कि फ्रांस के राष्ट्रपति भी ऐसे “नमूनों” की हरकतें देख सिर धुन रहे हैं। फिलीपींस के राष्ट्रॅपति रोड्रिगो दुतेर्ते को लॉकडाउन तोड़ने वालों की हरकतों से इतना नाराज हैं कि ऐसे लोगों को गोली मारने का आदेश दे दिया है। फिलीपींस में अभी तक कोरोना वायरस संक्रमण के 2,311 मामलों की पुष्टि हुई है जबकि 96 लोगों की मौत हो चुकी है।
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘हालात और खराब हो रहे हैं। मैं आपको फिर से कह रहा हूं कि समस्या की गंभीरता को समझें और मेरी बात सुनें। पुलिस और सेना को मेरा आदेश है कि अगर कोई आपके काम में परेशानी खड़ा करता है, बेवजह लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करता है, आपसे लड़ाई करता है, आपको लगता है कि आपकी जान खतरे में है तो उसे गोली मार दें। समझ गए आप? मौत। मैं आपको परेशानी पैदा करने नहीं दूंगा। आपको दफना दूंगा।’’
राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में राष्ट्रपति दुतेर्ते ने कोरोना संक्रमितों के इलाज में लगे डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ के साथ हुई अप्रिय घटनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के साथ इस तरह का व्यवहार बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दुतेर्ते का बयान मनीला में आमजन द्वारा पुलिस से भिड़ने की घटना के बाद आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मनीला में बड़ी संख्या में गरीब वर्ग के लोगों ने लॉकडाउन का उल्लंघन किया था। ये लोग सरकार के खाद्य वितरण नियमों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। दुतेर्ते ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हर कोई सहयोग करे क्योंकि अधिकारी संक्रमण धीमा करने और देश की नाजुक स्वास्थ्य हालत को सुधारने में लगे हैं।
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के बयान का विरोध
राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के इस बयान का सामाजिक संस्थानों और मानवाधिकार संगठनों ने विरोध शुरू कर दिया है। इनका कहना है कि इस तरह से दुतेर्ते हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। यह मानवता के नाम पर प्रहार है। राष्ट्रपति को तुरंत इस फैसले को वापस ले लेना चाहिए। इसके जवाब में नेशनल पुलिस चीफ ने कहा कि सारे कदम कानून के दायरे में रहते हुए उठाए जाएंगे। राष्ट्रपति दुतेर्ते मामले की गंभीरता का लोगों को एहसास करा रहे थे। उनकी मंशा किसी को गोली मरवाने की नहीं है।