नयी दिल्ली। कल 8 अप्रैल को चैत्र पूर्णिमा है। चैत्र पूर्णिमा (chaitra purnima 2020) अर्थात भक्त शिरोमणि और भगवान श्रीराम के अनन्य सेवक श्रीहनुमान जी का अवतरण दिवस। इसीलिए कल का दिन बहुत खास है। नासा और खगोलशास्त्रियों के अनुसार, इस बार पूर्णिमा का चन्द्रमा सामान्य से कुछ बड़ा चन्द्रमा होगा। कहा यह भी जा रहा है कि 8 अप्रैल को दिखने वाला चन्द्रमा गुलाबी रंग का होगा। वास्तव में चन्द्रमा गुलाबी रंग का नहीं होता बल्कि हल्की लालिमा लिये और कुछ अधिक चमकीला होता है।
हनुमान जी का अवतरण दिवस
चंद्रमा का अधिक कांतिमय दीखने का रहस्य यह है कि चन्द्रमा की चांदनी पृथ्वी से दूरी और सूर्य की स्थिति पर निर्भर करता है। भारतीय पौराणिक कथाओं के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का अवतरण दिवस भी होता है। मान्यता है कि चैत्र पूर्णिमा के दिन ही श्रीराम भक्त श्री हनुमान माता अंजनी की कोख से चैत्र पूर्णिमा के दिन जन्म लिया था।
हनुमान जयंती पर लोग हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं। मंदिरों में हनुमान जी की पूजा की जाती है, उन्हें चोला चढ़ाया जाता है। लोग इस दिन हनुमान जी को लड्डुओं का प्रसाद चढ़ाकर दूसरों को प्रसाद बांटते हैं और भंडारा करते हैँ। लेकिन इस बार लॉकडाउन के
इस बार पूर्णिमा 8 अप्रैल को सुबह आठ बजे तक ही पूर्णिमा तिथि है। वैसे तो 7 अप्रैल को भी पूर्णिमा मानी गई है लेकिन 8 अप्रैल को उदया तिथि के कारण स्नान, दान और व्रत की पूर्णिमा 8 अप्रैल को मनाई जा रही है। इसलिए इस दिन सुबह 05:54 am से 06:07 am बजे के बीच पूजा करना फलदायी रहेगा। इस समय सर्वार्थ सिद्धि योग है, तो पूजा का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
पूर्णिमा तिथि आरंभ : दोपहर 12 बजकर 01 मिनट (7 अप्रैल 2020) से
पूर्णिमा तिथि समाप्त : 8 अप्रैल 2020 8 बजकर 04 मिनट तक
पूर्णिमा का महत्व :
माना जाता है कि पूर्णिमा का दिन साधना के लिए दीपावली और अमावस्या के बाद सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है। पूर्णिमा की रात को बहुत से तंत्र-मंत्र की साधना करने वाले लोग विद्या को सिद्ध करते हैं। बहुत से धार्मिक लोग पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान या अन्य नदी व जलाशयों में स्नान करते हैं। मान्यता है कि आज के दिन पूजा अर्चना करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। आज के दिन लोग भगवान सत्यनारायण की कथा भी सुनते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन होने के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकलेंगे। ऐसे में घर में ही स्नान करके लोग संकेतिक पूजा पाठ कर सकते हैं।