नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन में क्रमिक छूट दिए जाने, गैर-जरूरी वस्तुओं की दुकानें खुलने देने और धार्मिक कार्यक्रमों की इजाजत दिए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय की भवें टेड़ी हो गई हैं। लॉकडाउन का “पालन नहीं” करने पर आपत्ति जताते हुए केंद्र ने इस बाबत पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को सख्त लहजे में पत्र लिखकर जवाब मांगा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय इस बात को लेकर भी नाराज है कि राज्य में अधिकारियों के बजाय नेता राशन बांट रहे हैं।

पत्र में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में सब्जी, मछली और मांस बाजारों पर किसी तरह का अंकुश नहीं लगाया गया है और इन जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का उल्लंघन किया जा रहा है। चिट्ठी में लिखा है, “सुरक्षा एजेंसियों से मिल रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक पश्चिम बंगाल में लॉकडाउन का असर धीरे-धीरे घट रहा है। राज्य सरकार की तरफ से दी जा रहीं छूट का दायरा बढ़ता ही जा रहा है।” गैरजरूरी सामानों से जुड़ी दुकानों को भी खुलने की इजाजत दी गई है। कोलकाता के राजा बाजार, नरकेल डांगा, तोपसिया, मेटियाबुर्ज, गार्डेनरीच, इकबालपुर और मनिकटाला में सब्जी, मछली और मटन मार्केट में भी लोग धड़ल्ले से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए उमड़ रहे हैं।

गौरतलब है कि नारकेल डांगा जैसे स्थानों पर कोविड-19 जैसे मामले कथित तौर पर अधिक नजर आए हैं। पश्चिम बंगाल में शनिवार को कोरोना वायरस के 6 और मामले सामने आए हैं जिसके बाद राज्य में इसके मरीजों की संख्या 95 पहुंच गई है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के बीच भी शुक्रवार को मुर्शीदाबाद में एक मस्जिद में जुमे की नमाज के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। गृह मंत्रालय ने इसका संज्ञान लेते हुए अपने खत में लिखा है, “ऐसी सूचनाएं हैं कि पुलिस धार्मिक जमावड़ों को होने दे रही है। मुफ्त राशन को सांस्थानिक वितरण प्रणाली के बजाय नेताओं द्वारा बंटवाया जा रहा है। इससे कोरोवा वायरस का संक्रमण फैल सकता है।”

पत्र में आगाह किया गया है कि इस तरह की गतिविधियां डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तरत केंद्र सरकार की तरफ से समय-समय पर जारी आदेशों का उल्लंघन हैं और इस एक्ट के तहत यह दंडनीय है। चिट्ठी में आगे लिखा गया है, “ऐसे में यह अनुरोध किया जाता है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और मंत्रालय को इस बारे में शीघ्र ही रिपोर्ट दी जाए। यह अनुरोध भी किया जाता है कि भविष्य में ऐसे उल्लंघनों की पुनरावृति रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं” गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि भविष्य में इस तरह के उल्लंघनों को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं।

 

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