बरेली,29 फरवरी। केंद्र सरकार के बजट से इस बार बरेलियंस को काफी खुशी मिली है। आम बजट को एक्सपर्ट और बिजनेसमेन ने काफी पॉजिटिव बताया है। बताया गया कि उम्मीद थी कि बजट बहुत डिफीकल्ट हो सकता है, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। वहीं, चुनावों को देखते हुए किसानों पर ज्यादा फोकस किया गया है। इसलिए 0.5 फीसदी एग्री सेस लगाया गया है, ताकि फंडिंग की जा सके। वहीं, यूपी देश का बड़ा हिस्सा है इसलिए एग्रीकल्चर, फूड एंड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर में काफी फायदा मिलेगा।
इस बार के केंद्रीय बजट में हर वर्ग के हितो को ध्यान में रखा गया है। ऐसा बजट कभी दूसरी सरकार ने नई दिया। विरोधी डलो के हौसले पूरी तरह से पस्त हो गए है जो आरोप लगाते थे की भाजपा किसानो की हितेषी नहीं है। हम लोग ने साबित कर दया की किसानो की हितेषी अगर कोई पार्टी है तो वह सिर्फ भाजपा ही है। मोदी सरकार गांवो को मॉडल बनाने निकल पड़ी है। युवाओ को रोजगार की आपार सम्भावनाये दिख रही है। –सुनील मेहता, व्यवसायी
केंद्रीय बजट गांव-गरीबो के हितो को प्रदर्शित करता है। किसानो के लोए बहुत कुछ है ही ,युवाओ, सीनियर सिटीजन और महिलाओ के लिए भी बजट में कुछ खास है। महंगाई रोकने के उपाय भी इसमें दिख रहे है। आवासहीनों के लिए माकन खरीदने पर टैक्स में छूट प्रदान की जा रही है। ऐसा बजट पहले कभी नहीं बना।- रविन्द्र यादव, सपा नेता
गांव की सड़को से लेकर हाईवे तक के लिए बाजार में पूरा ध्यान दिया गया है। पहली बार सड़को के बिकास के लिए एक लाख करोड रुपए का आवंटन किया गया है। -राहुल, स्टूडेण्ट
बाजार टेस्ट को बेहतरीन तरीके से पास किया है। गांव की सड़को पर भी ध्यान दिया जा रहा है। इससे देश की तरक्की होगी। किसानो के लोए बहुत कुछ है ही ,युवाओ, सीनियर सिटीजन और महिलाओ के लिए भी बजट में कुछ खास है। महंगाई रोकने के उपाय भी इसमें दिख रहे है। – अपूर्व गुप्ता, सेलेक्शन प्वाइंट
बजट सरकार की प्राथमिकताओं और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नज़रिये को रेखांकित करता है। पीएम ने बाजार टेस्ट को बेहतरीन तरीके से पास किया है। यह गरीबो , किसानो और सुधारो को समर्पित है।- हरदीप सिंह, व्यवसायी
इस बजट में कुछ ज्यादा ही टैक्स लगा दिये गये हैं। सर्राफा व्यवसायी होने के नाते हम इस बजट को जनहित का नहीं कह सकते। नये टैक्स लगाने से न केवल व्यापारियों बल्कि नौकरीपेशा लोगों को भी इस बजट से महंगाई का सामना पड़ेगा। – अनिल पाटिल, सर्राफा व्यवसायी
कई नये टैक्स लगाने से पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता को और ज्यादा महंगाई मार डालेगी। चाहे ईपीएफ निकासी पर टैक्स हो या सर्विस टैक्स का बढ़ाना ये जनविरोधी है। – प्रीति सक्सेना, गृहणी