आंवला (बरेली)। (शरद / आकाश) कोरोना वायरस से जंग में लॉकडाउन के बीच गरीबों जरूरतमंदों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है। समाजसेवियों से लेकर प्रशासन तक सभी इसी उद्देश्य में लगे हैं कि कोई भी गरीब भूखा न रहे। इसके बावजूद अनेक गरीबों तक राशन नहीं पहुंच पा रहा है। वे भूख से लड़ रहे हैं। कहीं कोटेदार राशन नहीं दे रहा तो कहीं किसी का राशन कार्ड निरस्त हो जाने से उसे राशन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे ही कुछ मामलों में आज मीडिया कर्मियों की सक्रियता से जरूरतमंदों को खाद्यान्न मुहैया हो सका। भोजन सामग्री पाकर उनके चेहरे खिल उठे।
नगर के समीपस्थ ग्राम मनौना में 5 बहिन-भाईयों का एक परिवार है। माता-पिता का साया सिर से उठ जाने के बाद 22 वर्षीय बड़ी बहन रजनी एक जर्जर कच्चे मकान में अपने भाईयों व बहनों के साथ रहती है। रजनी दिव्यांग है। आसपास के घरों में सफाई आदि का कार्य कर जैसे-तैसे अपने भाई-बहनों का पालन पोषण करती है। लॉकडाउन के कारण इस परिवार की स्थिति ज्यादा खराब हो गई।
कोटेदार ने हड़काकर भगा दिया
रजनी ने बताया कि उसका राशनकार्ड कैंसिल हो गया। ऐसे में पिछले काफी समय से कोटे की दुकान से राशन नहीं मिल रहा है। लॉकडाउन में जब वह कोटेदार के पास पहुंची तो उसने हड़काकर भगा दिया। रजनी ने बताया उसका भाई भी विकलांग है। तीन छोटी बहिनें हैं। पास-पडोस की मदद से जैसे-तैसे एक टाइम का भोजन मिल पा रहा है। एक टाइम भूखा रहकर जीवन यापन कर रहे हैं।
इसकी जानकारी मीडिया प्रतिनिधियों ने जब व्यापार मण्डल को दी तो व्यापारी नेता सुनील गुप्ता तत्काल वहां पहुंचे तथा तत्काल कुछ आर्थिक मदद एवं खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध करायी। मीडिया की सूचना पर ही ब्राह्मण महासभा के बरेली के जिलाध्यक्ष नितिन महाराज ने भी आवश्यक राशन एवं खाद्यान्न स्वयं जाकर परिवार को पहुंचाया। इन लोगों ने आटा, चावल, दालें, मसाले एवं अन्य सामान पहुंचाया।
बेहटाजुनु में भी राशन कार्ड न होने से नहीं मिल रहा राशन
वहीं समीप स्थग्राम वेहटाजुनु की एक बुजुर्ग महिला जिसके पति की कुछ समयपूर्व मौत हो चुकी है। वह भी अपने छोटे-छोटे बच्चां को वमुश्किल पाल पा रही है। राशन कार्ड न होने के कारण खाने को राशन नहीं है। इसके अलावा समीप ग्रामों के अनेक ऐसे लोग हैं जिनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
आप लोगों के माध्यम से मामला संज्ञान में आया है। कोटेदार की जांच कराई जाएगी तथा क्षेत्र में किसी को भी भूखे नहीं सोने दिया जाएगा। के.के. सिंह–उपजिलाधिकारी