नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा के निधन पर शोक जताते हुए आज कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। संगमा का आज सुबह यहां दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे।
प्रधानमंत्री ने संगमा के निधन पर शोक जाहिर करते हुए उन्हें अपनी मेहनत के बल पर राजनीतिक परिदृश्य और समाज में जगह बनाने वाला नेता बताया। मोदी ने साथ ही कहा कि पूर्वोत्तर के विकास में संगमा का बहुत बड़ा योगदान रहा है और वह उनके निधन से दुखी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘लोकसभा स्पीकर के तौर पर संगमा के कार्यकाल को ‘भुलाया नहीं जा सकता। उनका जमीन से जुड़ा विनम्र व्यक्तित्व और उनके मिलनसार स्वभाव ने हर किसी को आकषिर्त किया। मोदी ने साथ ही कहा, ‘ संगमाजी नेताजी बोस से गहरे तक प्रभावित थे। संगमा नौ बार लोकसभा के सदस्य रहे और 11वीं लोकसभा के अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने केंद्र सरकार में भी कई महत्वपूर्ण विभागों की कमान संभाली। वह 1988 से 1990 के बीच मेघालय के मुख्यमंत्री और 1990 से 1991 तक राज्य विधानसभा में नेता विपक्ष रहे।
एक सितंबर 1947 को मेघालय के पश्चिमी गारो हिल्स जिले की खूबसूरत वादियों में बसे गांव छपाहाती में जन्मे संगमा का बचपन इसी छोटे से आदिवासी गांव में बीता और उन्हें जिंदगी में कड़ा संघर्ष करना पड़ा। सेंट एंथनी कालेज से स्नातक करने के बाद वह असम के ढिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय में अध्ययन के लिए चले गए जहां उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंध विषय पर स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की और उसके बाद उन्होंने विधि विषय में भी डिग्री हासिल की।
राजनीतिक रूप से कांग्रेसी रहे संगमा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्य थे लेकिन जुलाई 2012 में राकांपा से निष्कासित किए जाने के बाद उन्होंने जनवरी 2013 में नेशनल पीपुल्स पार्टी का गठन किया था। भारत के राष्ट्रपति पद की दौड़ से हटने से इंकार करने के चलते राकांपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित किया था।