जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ/WHO) ने कहा है कि कोरोना वायरस (कोविड-19)  11 साल फैले स्वाइन फ्लू (एच1एन1) से 10 गुना ज्‍यादा खतरनाक है। वर्ष 2009 में स्वाइन फ्लू के संक्रमण से 18500 लोगों की मौत हो गई थी। WHO ने इसके साथ ही आगाह किया है कि कोरोना वायरस पर नियंत्रण के उपायों को धीरे-धीरे हटाया जाए। उसका यह बयान ऐसे समय पर आया है जब दुनिया में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्‍या 119,699 पहुंच ग है।

डब्ल्यूएचओ के प्रमुख डॉ. टेड्रोस एडनम ने सोमवार को जिनेवा से ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा, “हमें पता है कि कोविड-19 तेजी से फैलता है और हमें पता है कि यह 2009 फ्लू महामारी से 10 गुना अधिक खतरनाक है।” वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से पूरी दुनियाई में इन दिनों 18 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और यह बीमारी बहुत तेजी से दुनिया में पैर पसार रही है।

कोरोना वायरस के सक्रमण से अब तक ब्रिटेन में 11,329, अमेरिका में 22,858 और इटली में 20,465 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक जितने लोगों को कोरोना वायरस टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया है, उनमें से 6.4 प्रतिशत लोगों की मौत हो गई है। ब्रिटेन में मरने वालों का यह आंकड़ा 12 प्रतिशत है जबकि ऑस्‍ट्रेलिया में 0.1 प्रतिशत है। डब्‍ल्‍यूएचओ के मुताबिक स्‍वाइन फ्लू से दुनिया में 1.1 प्रतिशत लोग ही संक्रमित हुए हैं।

WHO के अनुसार कि मार्च 2009 में मैक्सिको और अमेरिका से फैले स्‍वाइन फ्लू की वजह से दुनिया में 18500 लोगों की मौत हो गई थी। हालांकि प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट का दावा है कि स्‍वाइन फ्लू से मरने वालों का आंकड़ा 151,700 से 575,400 के बीच था। लांसेट ने स्‍वाइन फ्लू से अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में मरने वालों की संख्‍या को भी शामिल किया था।

error: Content is protected !!