उदयपुर। कोरोना वायरस की वजह से लोगों की दिनचर्या और खानपान में सुधार हुआ है जिसकी वजह से कई बीमारियों में कमी आयी है। यह कहना है प्रसिद्ध आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. शोभालाल औदिच्य का। वह कहते हैं, “किसी गंभीर बीमारी से लड़ने और उससे बचने के लिए आवश्यक है कि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े और इसके लिए उसे अपनी लाइफ स्टाइल बदलनी होगी।” कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण ऐसा स्वतः हो रहा है। भागम-भाग कम हुई है और लोग घर में बना साफ-सुथरा और पौष्टिक खाना खा रहे हैं। इस कारण बीमारियां कम हो रही हैं।
डॉ. औदिच्य ने मंगलवार को यहां कहा कि कि अधिकतर लोग बाहर का खाने के शौकिन होते हैं पर कई स्थानों पर साफ-सफाई और शुद्धता के अभाव के तथा विरुद्ध भोजन के सेवन की वजह से की तरह के रोगो के होने की संभावना रहती है।
उन्होंने अपने बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की वजह से लागू किए गए लॉकडाउन के चलते चौराहों, गली-कूंचों एवं पॉश इलाकों में लगने वाले ठेले, रेस्टोरेंट्स आदि पूरी तरह बंद होने से लोगों का खाने के लिए बाहर निकलना बंद हो गया है। इसके चलते इन दिनों हॉस्पिटल-औषधालयों में पेट दर्द, गैस, एसिडिटी, स्किन डिजीज, मोटापा, हाइपरटेंशन, माइग्रेन आदि के रोगियों की संख्या कम हो गई है। पहले जहां इस प्रकार के रोगियों की सभी अस्पतालों में लंबी कतार लगी रहती थी, अब इक्का-दुक्का मरीज ही नजर आते हैं।
फास्टफूड यानी “रोगों का पिटारा”
डॉ. औदिच्य ने बताया कि फास्टफूड, जंकफूड मैदा, रिसाइकिल फूड, होटलों की चाय एवं कई प्रकार के विरुद्ध अन्न का सेवन करने से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं। लॉकडाइन लागू होने ले पहले लोग देर रात तक रेस्टोरेंट और ठेलों पर चाट के चटकारे लेते रहते थे। कई लोगों की तो दिन की शुरुआत ही समोसा, ब्रेड, पैटीज, खस्ता आदि से होती थी। लेकिन, इस समय आमजन की दिनचर्या में सुधार और भोजन संबंधी आदतों में परिवर्तन के चलते उनका स्वास्थ्य ठीक रहने लगा है।
ऐसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता
डॉ. शोभालाल औदिच्य ने बताया कि रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए ऋतु के अनुसार फलों (मौसमी फल) का सेवन करने के साथ ही नियमित रूप से सुबह दो से तीन किलोमीटर घूमना चाहिए। लॉकडाउन की अवधि में घर की छत अथवा लॉन में ही घूमे। नियमित योग, प्राणायाम और आसानी से होने वाले व्यायाम करें। निश्चित समय पर शुद्ध और सात्विक भोजन करे। दिन में नहीं सोए और रात्रि में देर तक नहीं जागें। प्रकृति के साथ चलकर ही व्यक्ति अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है।