नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करते-करते पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की बात कहने वाले शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने शनिवार को चार्जशीट दाखिल की। शरजील इमाम पर देशविरोधी भाषण देने और दंगे भड़काने का आरोप है। उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए और 153 ए ( देशद्रोह और दो वर्गों के बीच भेदभाव) के तहत केस दर्ज किया गया था। जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में कथित तौर पर भऊड़काऊ भाषण देने के मामले में दिल्ली पुलिस ने शरजील को इसी साल 28 जनवरी को बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था।

जवारहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्र शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने शनिवार को साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की। चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने 13 दिसंबर 2029 को जामिया में भड़काऊ भाषण दिया था जिसके बाद 15 दिसंबर को सीएए के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के दौरान न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में जमकर हिंसा हुई थी जिसमें सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया था। जांच के दौरान मिले सबूतों से इस बात की पुष्टि होती है कि उसने देशविरोधी भाषण दिए और इससे हिंसा भड़की।

गौरतलब है सीएए के खिलाफ देशभर में चल रहे आंदोलनों के बीच शरजील इमाम का जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ में कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने का एक विवादित बयानों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। उसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ देशद्रोह समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जनवरी के आखिर में शरजील को उसके पैतृक स्थान बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया था।  दिल्ली पुलिस ने शरजील के खिलाफ इसी साल 25 जनवरी को मामला दर्ज किया था।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, फरार होने से पहले शरजील इमाम को आखिरी बार 25 जनवरी को बिहार के फुलवारी शरीफ में एक मीटिंग में देखा गया था।

असम को देश से अलग करने की बात कही थी

16 जनवरी के एक ऑडियो क्लिप में शरजील इमाम को यह कहते हुए सुना गया कि असम को भारत के शेष हिस्से से काटना चाहिए और सबक सिखाना चाहिए क्योंकि वहां बंगाली हिंदुओं और मुस्लिम दोनों की हत्या की जा रही है या उन्हें निरोध केंद्रों में रखा जा रहा है। ऐसी खबर है कि उसने यह भी कहा था कि अगर वह पांच लाख लोगों को एकत्रित कर सकें तो असम को भारत के शेष हिस्से से स्थायी रूप से अलग किया जा सकता है…अगर स्थायी रूप से नहीं तो कम से कम कुछ महीनों तक तो किया ही जा सकता है।

शरजील बिहार के जहानाबाद का रहने वाला है। वह जेएनयू के सेंटर फॉर हिस्टोरिकल स्टडीज का छात्र है। शरजील की फेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक, वह आईआईटी बॉम्बे से कंप्यूटर साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन भी कर चुका है।

शरजील के पिता अकबर इमाम जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता थे। 2005 में उन्होंने जहानाबाद सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था। हालांकि, वह इस चुनाव में हार गए थे। शरजील इमाम का छा  भाई मुजम्मिल इमाम भी राजनीति में सक्रिय है। सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों में भी मुजम्मिल काफी सक्रिय रहा।

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