ब्रिसबेन। कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दुनियाभर में खेल गतिविधियां ठप हैं। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। खेल मुकाबले नहीं होने के कारण इनका प्रशासनिक नियंक्षण करने वाले संगठनों को भारी घाटा हो रहा है। इस घाटे की भरपाई भविष्य में अधिक से अधिक मैच आयोजित कर की जा सकती है। कम-से-कम क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) तो यही चाहता है। यदि उसकी बात मान ली गई तो भारतीय टीम को इस साल के आखिर में ऑस्ट्रेलियाई दौरे के दौरान चार के बजाय पांच टेस्ट मैच खेलने पड़ सकते हैं।
सीए के मुख्य कार्यकारी केविन रोबर्ट्स ने कहा है कि दिसंबर 2020 और जनवरी 2021 में भारत की मेजबानी के लिए सभी विकल्पों पर विचार किया जाएगा क्योंकि इस सीरीज से बड़ी कमाई (300 मिलियन डॉलर) क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को होती है। यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट बोर्ड इस दौरे को कोरोना वायरस की वजह से एक ही स्थान पर खेलने के लिए भारतीय टीम को बाध्य कर सकता है। ये टेस्ट सीरीज आइसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का भी हिस्सा है।
ऑस्ट्रेलिया इसी साल 18 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच होने वाले आइसीसी टी20 वर्ल्ड कप के लिए भी प्लानिंग कर रहा है। केविन रोबर्ट्स ने कहा है, “अगर आप विशेष रूप से प्रभावित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सत्र की संभावना पर विचार करते हैं तो हम करोड़ों डॉलर के राजस्व को खो सकते हैं।” वहीं, कोरोना वायरस महामारी के कारण ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सभी खेल लीगों को बंद कर दिया और देश की सीमाएं सील करने के साथ-साथ यात्रा पर भी पाबंदी लगा दी है।
गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच पिछले काफी समय से 4 मैचों की टेस्ट सीरीज होती आ रही है लेकिन दोनों देशों के बोर्ड प्रशासन चाहते हैं कि इस प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ा दिया जाए। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया की सबसे पुरानी और भयंकर प्रतिद्वंद्विता इंग्लैंड के खिलाफ एशेज श्रृंखला है जिसमें पांच टेस्ट मैच होते हैं। रोबर्ट्स ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बीच संबंध मजबूत हैं और दोनों पक्ष भविष्य में पांच टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए प्रतिबद्ध हैं।