पालघर। चिचौली गांव में उन्मादी भीड़ की पिटाई (Moblinching) से श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के दो संतों और उनके वाहन चालक की मौत के मामले में महाराष्ट्र के गृह मंत्रालय ने बुधवार को 101 आरोपितो की सूची जारी की। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) ने कहा है कि आरोपितों में कोई भी मुस्लिम नहीं है। 16 अप्रैल 2020 को हुई इस दिलदहलाने वाली घटना की जांच अब सीआईडी को सौंप दी गई है। इस बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र के डीजीपी को 4 हफ्ते के भीतर घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है।
अनिल देशमुख ने कहा कि सीआईडी के एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। पुलिस ने घटना के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को गिरफ्तार किया। हम आज व्हाट्सएप के जरिए आरोपितों के नाम जारी कर रहे हैं। इस सूची में कोई मुस्लिम नहीं है।
गृह मंत्री ने साफ किया कि वीडियो में एक आवाज सुनाई दी है “ओये बास”, लोगों ने इसे ऑनलाइन प्रसारित किया और कुछ लोगों ने इसे “शोएब बस” कहा। सभी राज्य तंत्र महामारी से लड़ रहे हैं और कुछ लोगों ने इस मामले को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश की।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पालघर की घटना का संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में 4 सप्ताह के भीतर घटना की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा गया है। कहा गया है कि क्या कार्रवाई की गई और कितनी सहायता की गई, इसकी जानकारी भी भेजी जाए।
गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी कह चुके हैं कि इस मामले को मजहबी रंग देने की कोशिश न करें। गलतफहमी में साधुओं पर हमला हुआ। ठाकरे ने सोमवार को कहा कि जो लोग भी इस पूरे मामले में गलतफहमी फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा न करें। उन्होंने कहा था कि इस पूरी घटना को लेकर उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई है। इस मामले पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात हुई है। उद्धव ठाकरे ने कहा था, “गृह मंत्री ने मुझपर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से आप कोरोना वायरस से लड़ रहे हैं उसी तरह गुंडों से लड़िए।”