केंद्र सरकार ने शीर्ष सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक स्थान भेजने की जरूरत नहीं है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) की चेन ब्रेक करने के लिए देशभर में लागू लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित उनके घर वापस पहुंचाने की मांग के मामले में केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत में दाखिल की गई स्टेटस रिपोर्ट में बताया है कि लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को उनके पैतृक स्थान भेजने की जरूरत नहीं है।
केंद्र सरकार कहा है कि इस तरह का पलायन अभी तक संक्रमण से काफी हद तक बचे ग्रामीण इलाकों में संक्रमण फैलने का खतरा पैदा करेगा। केंद्र और राज्य सरकारें स्वयंसेवी संगठनों (NGO) के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों की दैनिक जरूरतों और गांवों में उनके घरवालों की सुविधा के लिए इंतजाम कर रही हैं।
स्टेट रिपोर्ट में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक प्रवासी मजदूरों के लिए 37,978 रिलीफ कैंप बनाए गए हैं जिनमें 14.3 लाख लोग रह रहे हैं। इसके अलावा अलग से 26,225 फूड कैंप बनाए गए हैं जो 1.34 करोड़ लोगों को खाना मुहैया करवा रहे हैं।