बरेली। कोरोना से जंग के बीच यू.पी. जर्नलिस्ट ऐसोसिएशन (उपजा) ने एक बार फिर पत्रकारों एवं मीडिया कर्मियों के लिए स्वास्थ्य, एवं आर्थिक सुरक्षा की मांग उठायी है। उपजा ने मीडिया कर्मियों के लिए पत्रकार पेंशन योजना, चिकित्सा सुविधाएं, पत्रकार सुरक्षा कानून और 50 लाख का बीमा सुरक्षा कवर आदि देने की मांग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की है।
“उपजा“ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. जी.सी. श्रीवास्तव, महामंत्री रमेश चंद जैन, कोषाध्यक्ष अरुण जायसवाल ने कहा है कि प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना के प्रत्यावेदन पर तत्कालीन केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने 22 मई 2017 मको उ०प्र० के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पत्रकार हित में सेवानिवृत्त एवं वरिष्ठ पत्रकारों को पेंशन दिए जाने तथा पत्रकारों की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दिये जाने का अनुरोध किया था।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 10 जुलाई 2017 में संतोष कुमार गंगवार को पत्र लिखकर नियमानुसार कार्यवाही करने का आश्वासन दिया था। इसके बावजूद अभी तक इस दिशा कोई प्रगति नहीं हुई है।
संतोष गंगवार ने दोबारा लिखा सीएम को पत्र
“उपजा“ के प्रदेश उपाध्यक्ष निर्भय सक्सेना के अनुरोध पर 19 जुलाई 2019 को केन्द्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने सीएम योगी आदित्यनाथ को दोबारा पत्र लिखकर पत्रकारों को पेंशन तथा निःशुल्क चिकित्सा सुविधा दिए जाने का अनुरोध किया था। इस पत्र पर भी मुख्यमंत्री के विशेष सचिव शुभ्रांत शुक्ला ने प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी जी को अग्रसारित कर दिया। इसके बाद फिर मामला ठण्डे बस्ते में चला गया।
पत्रकारों की सुरक्षा के लिए राज्यपाल को भी भेजा था मांग पत्र
“उपजा“ की ओर से प्रदेश के राज्यपाल को एक वर्ष पूर्व 03 अप्रैल 2019 में रमेश जैन ने भी रजिस्टर्ड पत्र भेजकर ’पत्रकार सुरक्षा कानून’ बनाने तथा पत्रकारों के विरुद्ध राजपत्रित अधिकारी द्वारा जाँच के उपरान्त जिलाधिकारी की स्वीकृति के बाद ही अभियोग पंजीकृत करने की मांग की गई थी। लेकिन इस पत्र पर क्या कार्रवाई हुई इसकी कोई सूचना उपजा को नहीं मिली।
उपजा के अध्यक्ष ने कहा है कि “उपजा पदाधिकारी ‘‘प्रिंट एवं डिजिटल’’ मीडिया कर्मियों के हित में लगातार सरकार से मांग करता रहा है। और प्रयास आगे भी जारी रहेगा।
बता दें कि यूनेस्को ने भी कोविद 19 के चलते अफवाहों, भ्रम आदि से निजात दिलाकर वास्तविक अपडेट से अवगत कराने के कारण पत्रकारों, मीडियाकर्मियों को सबसे महत्वपूर्ण आवश्यक सेवा में शामिल करने के लिए सभी राष्ट्रों को निर्देश दिए थे।