नई दिल्ली। कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों के रेल किराये को लेकर हो रही राजनीति से सबक लेते हुए केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि दुनिया के विभिन्न देशों में फंसे भारतीयों को अपने देश वापस लाने के लिए 7 मई 2020 से शुरू हो रहे महा अभियान में कुछ भी निशुल्क (Free) नहीं होगा। जिस तरह ये लोग अपनी गांठ से रुपये खर्च कर विदेश गए थे, उसी तरह वापस आने के लिए भी किराया चुकाना होगा। यही नहीं विदेश से वापस आने वाले हर व्यक्ति को अनिवार्य तौर पर क्वारंटाइन पर रहना होगा जिसका खर्च भी उन्हें चुकाना होगा। 7 से 13 मई के बीच पहले चरण में 64 विमानों के जरिए 12 देशों से 15,000 लोगों को वापस लाया जाएगा। इसके लिए किराया भी तय कर दिया गया है।
लंदन से दिल्ली के बीच प्रति व्यक्ति किराया 50 हजार रुपये तय किया गया है। ढाका से दिल्ली के बीच किराया 12 हजार रुपये होगा। सिंगापुर से आने वालों को करीब 20 हजार रुपये देने होंगे। लंदन से मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरु के लिए भी 50 हजार रुपये किराया देना होगा। अमेरिका के शिकागो से दिल्ली, हैदराबाद के लिए करीब 1 लाख रुपये चुकाने होंगे।
सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और उन्हें 14 दिन क्वारंटाइन किया जाएगा। विमान में भी सभी तरह के सुरक्षा नियमों का पालन किया जाएगा। सऊदी अरब से 10 उड़ानें, अमेरिका, ब्रिटेन और मलेशिया से 7-7 उड़ानें, सऊदी अरब, सिंगापुर, फिलिपींस और कुवैत से 5-5 उड़ानें तथा कतर, बहरीन और ओमान से 2-2 उड़ानें भारतीय नागरिकों को देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचाएंगी। सबसे ज्यादा 15 उड़ानें केरल आएंगी जिनमें 7 देशों से लोगों को लाया जाएगा। तमिलनाडु और दिल्ली-एनसीआर लोगों को लेकर 11-11 उड़ानें आएंगी। दोनों राज्यों में 9-9 देशों से यात्रियों को लाया जाएगा।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप पुरी ने मंगलवार कोबताया कि जब यह प्रस्ताव किया गया तो शुरुआत में ही करीब एक लाख 19 हजार लोगों ने वापस आने की इच्छा दिखाई थी, अब इनकी संख्या दो लाख से भी अधिक हो गई होगी। ऐसे में उन लोगों को प्राथमिकता के आधार पर लाया जा रहा है जो अधिक संकट में हैं, मसलन जिनका वीजा समाप्त हो गया है या जिन्हें स्थानीय सरकारों ने वापस जाने के लिए कह दिया है।
यात्रियों की संख्या को देखते हुए आगे भी इस तरह के विशेष विमानों के परिचालन की जरूरत पड़ सकती है। भविष्य में इस काम के लिए निजी विमान सेवा कंपनियों की भी मदद लेनी पड़ सकती है। सिर्फ उन्हीं यात्रियों को इन विशेष उड़ानों में सवार होने की अनुमति होगी जिनमें कोविड-19 के लक्षण नहीं होंगे। यहां हवाई अड्डों पर उतरने के बाद यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी और उसके बाद उन्हें 14 दिन के लिए अनिवार्य क्वारंटाइन में भेजा जाएगा।
दुबई में स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोमवार को घोषणा की थी कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए गुरुवार को दो विशेष विमान भारत से उड़ान भरेंगे। अबू धाबी से कोच्चि और दुबई से कोझिकोड तक की इन दो उड़ानों के लिए यात्रियों की सूची पर अंतिम निर्णय दुबई में भारतीय दूतावास और भारतीय महावाणिज्य दूतावास लेंगे।