NEW DELHI, INDIA - MARCH 22: Indian policemen push barricades to place them in the center of a a road leading to historic India Gate, during a one-day nationwide Janata (civil) curfew imposed as a preventive measure against the COVID-19 on March 22, 2020 in New Delhi, India. Death toll due to coronavirus in India reached seven on Sunday with three more fatalities as the country observed a "janta curfew" or public lockdown on the appeal of Prime Minister Narendara Modi. Besides placing under lockdown till March 31st, 75 districts with confirmed coronavirus cases , the government also decided to shut down train, metro and inter-state services to curb the spread of the global pandemic in India. (Photo by Yawar Nazir/Getty Images)

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि “चिकित्सा पेशेवरों की आवाजाही पर रोक लगाना कोविड, गैर कोविड सेवाओं को गंभीर रूप से बाधित करना है।”

नई दिल्ली। कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की चेन ब्रेक करने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के 17 मई के बाद आगे बढ़ने या ना बढ़ने को लेकर अटकलों के बीच केंद्र सरकार ने  लॉकडाउन में कुछ ढील देने के साथ-साथ प्रवासी श्रमिकों पर राज्य सरकारों को निर्देश दिया है। सोमवार को जारी पत्र में कहा गया है कि प्रवासी लोगों के पटरी और सड़क पर चलने पर रोक लगे और उन्हें शेल्टर होम में लेकर जाया जाए। गृह मंत्रालय ने राज्यों से यह भी कहा है कि सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम, लैबों को तमाम चिकित्सा स्टाफ के साथ खोला जाना सुनिश्चित किया जाए।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से जारी इस पत्र में मेडिकल सेवाओं में लगे लोगों को बिना रोक-टोक आने-जाने देने का निर्देश दिया गया है। गृह मंत्रालयने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कहा कि वे मेडिकल कर्मियों, डॉक्टर, सैनिटाइजेशन कर्मियों, ऐम्बुलेंस आदि को बिना रोकटोक जाने दें। गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ की आवाजाही पर कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। कहा गया है कि “चिकित्सा पेशेवरों की आवाजाही पर रोक लगाना कोविड, गैर कोविड सेवाओं को गंभीर रूप से बाधित करना है।”

भल्ला ने राज्यों से कहा है कि चिकित्सा और सफाई से जुड़े कर्मचारियों के आने-जाने के लिए सही रास्ता निकालें और सभी प्राइवेट क्लीनिक खोलने की अनुमति दें। ऐंबुलेंस और स्वास्थ्य कर्मियों को एक राज्य से दूसरे राज्य जाने की भी अनुमति होगी।

राज्यों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सड़क और रेल की पटरी पर चल रहे प्रवासी लोगों को रोका जाए। ऐसे मजबूर लोगों को शेल्टर होम लेकर जाने की बात कही गई है। पत्र में कहा गया है कि सभी राज्य श्रमिक स्पेशल ट्रेन (Shramik special trains) से लौट रहे मजदूरों को भेजने और बुलाने में मदद करें।

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