माउंट एवरेस्ट चीन का 5G नेटवर्क, china-established-5g-connectivity-on-mount-everest,huawei,

नई दिल्ली पूरी दुनिया चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस से निपटने की लड़ाई लड़ रही है, वहीं चीन अपनी चालबाजी में जुटा है। चीन ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट पर 5G नेटवर्क पहुंचा दिया है। हिमालय के इस सबसे ऊंचे शिखर पर चीनी मोबाइल ऑपरेटर China Mobile और Huawei ने मिलकर 5G टावर को पिछले दिनों स्थापित किया है।

इस मोबाइल टावर लगाने से पर्वतारोही को एक्सट्रीम कंडीशन में भी बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी मिल सकेगी। यहां लगाए गए टावर से 1.7Gbps तक की इंटरनेट स्पीड मिलेगी। China Mobile ने इस साइट को चीन के दो महत्वपूर्ण अचीवमेंट्स की खुशी में लगाया गया है। चीन में अपने सफल एवरेस्ट मिशन के 60 साल और इस शिखर की ऊंचाई के मेजरमेंट के 45 साल पूरा होने पर इसे डेलवप किया है।

चिन्तित हैं विशेषज्ञ

चीन के इस कदम से दुनियाभर के देश व विशेषज्ञ चिंता में हैं। विशेषज्ञों द्वारा ये दावा किया जा रहा है कि 5G नेटवर्क के जरिए चीन भारत सहित कई पड़ोसी देशों की निगरानी कर सकता है। इस हिसाब से ये कई अन्य ऐसे कार्यों को अंजाम दे सकता है, जो सभी देशों के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं।

5G नेटवर्क से जुड़ी खास जानकारी

Huawei Mobile ने इस सबसे ऊंचे 5G मोबाइल टावर को पांच बेस स्टेशन्स में बनाया है। इसे बेस कैंप (5,300 मीटर), ट्रांजिशन कैम्प (5,800 मीटर) और फॉरवर्ड कैंप (6,500 मीटर) पर लगाया गया है। Huawei ने इस साइट को एक यूनिक केस स्टडी के लिए भी डेवलप किया है। कंपनी के दावों के मुताबिक, इस बेस स्टेशन की क्षमता ट्रेडिशन बेस स्टेशन से 20 गुना ज्यादा है। इस बेस स्टेशन से 1.7Gbps की डाउनलोडिंग और 215Mbps तक की अपलोडिंग स्पीड मिल सकती है। Huawei के अलावा Nokia, Ericsson, Cisco भी 5G नेटवर्क के लिए दुनियाभर की टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ काम कर रही हैं।

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