तिरुपति। श्री वेंकटेश्वर मंदिर का संचालन और देखरेख करने वाले तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 400 करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान के बावजूद वेतन कटौती को लागू नहीं किया है। उसे अगले दो से तीन महीनों के लिए पूरे वेतन का भुगतान करने का भरोसा है। टीटीडी में लगभग 23,000 कर्मचारी हैं। ट्रस्ट के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
टीटीडी के अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च 2020 को लागू किए गए लॉकडाउन से पहले ही टीटीडी ने एहतियात के तौर पर 20 मार्च को ही मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद टीटीडी को हर महीने 200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। रेड्डी ने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट के बाजवूद टीटीडी अपने सभी स्थाई कर्मचारियों समेत अन्य कर्मचारियों और पेंशनधारियों को अगले दो या तीन महीनों के लिए (पूर्ण) वेतन का भुगतान करने की स्थिति में होगा।
मंदिर के एक अधिकारी ने कहा कि टीटीडी बोर्ड को आय के वैकल्पिक स्रोतों से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की उम्मीद है, जैसे कि सावधि जमा (एफडी) जिसमें 700 करोड़ रुपये का वार्षिक ब्याज मिलता है। विभिन्न राष्ट्रीयकृत बैंकों में एफडी में 12,000 करोड़ रुपये हैं। मंदिर में हर साल लगभग 2.5 करोड़ श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। हालांकि ट्रस्ट के चेयरमैन वायएस सुब्बारेड्डी ने स्पष्ट किया है कि वेतन और भत्तों के भुगतान के लिए मंदिर ट्रस्ट अपने फिक्स डिपॉजिट (एफडी) और गोल्ड रिजर्व को हाथ नहीं लगाएगा। ट्रस्ट के पास करीब 1400 करोड़ रुपये की नकदी और लगभग आठ टन सोना रिजर्व है।