Uttar Pradesh, Apr 28 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath chairs a meeting with 'COVID-19 management Team-11' of the state over the Coronavirus Pandemic, in Lucknow on Tuesday. (ANI Photo)

लखनऊ। कोरोना वायरस के कहर के बीच ही उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास एवं रोजगार सृजन की नई उम्मीद जगी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक पैकेज की जानकारी दिए जाने के कुछ ही घंटों के अंदर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को राज्य के 56,754 उद्यमियों को एकमुश्त दो हजार दो करोड़ रुपये के लोन बांटे। 

लोक भवन में टीम-11 की बैठक से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूक्ष्म, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्योग एवं निर्यात प्रोत्साहन तथा खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, प्रमुख सचिव नवनीत सहगल तथा अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में उद्यमियों  को ऋण का चेक प्रदान किया।

केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज एलान के तत्काल बाद लॉकडाउन अवधि में भी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को इतनी बड़ी धनराशि का लोन देने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है। मुख्यमंकत्री योगी आदित्यनाथ ने एक क्लिक पर ऑनलाइन दो हजार दो करोड़ रुपये का लोन देकर रोजगार संगम ऑनलाइन मेला की व्यापक शुरुआत की है। एक टेबल पर उद्यमियों और बैंकर्स को बैठाकर लोन दिया गया। इस दौरान इन 56,754 इकाइयों से दो लाख लोगों को रोजगार की गारंटी भी मिली है। मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन ऋण मेले के हिस्से के रूप में क्षेत्र से जुड़े लोगों को चेक सौंपे। ये उद्यमी प्रवासी कामगार/श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराएंगे। 

इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम कामगारों एवं श्रमिकों को उत्तर प्रदेश की ताकत बनाएंगे। यह हमारे लिए पलायन का कलंक हटाने का भी बड़ा अवसर है। इसी कारण हम कामगारों एवं श्रमिकों की स्किलिंग की स्केलिंग कर रहे हैं। हमारे पास अब तक लगभग 12 लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं, 10 लाख प्रवासी मजदूर अभी और आने वाले हैं। इनमें ड्राइवर, प्लंबर, टेलर, अलग-अलग क्षेत्र में काम करने वाले बहुत अच्छे कौशल के लोग हैं। राज्य में करीब 25 लाख प्रवासी मजदूर आएंगे। हम  इनकी क्षमता का लाभ उठाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का सबसे बड़ा एमएसएमई सेक्टर उत्तर प्रदेश में हैं। हमने विपत्ति को भी अवसर में बदला है, इसी कारण कोरोना वायरस महामारी के दौरान ही उत्तर प्रदेश में पीपीई किट की 26 यूनिटें खड़ी हुईं है। प्रदेश में इस समय कुल मिलाकर लाकर 90 लाख एमएसएमई इकाइयां हैं। हमारी कोशिश हर इकाई में कम से कम एक नया रोजगार सृजित करने की है। विशेष फोकस एक जिला एक उत्पाद  पर है।

देश के निर्यात में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी यूपी के एमएसएमई की

राज्य में इस समय करीब 90 लाख एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं। इनमें 3.5 करोड़ लोग रोजगार से जुड़े हैं। देश की कुल एमएसएमई इकाइयों में यूपी की हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है। वहीं, देश से होने वाले कुल निर्यात में भी इन इकाइयों की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत है। 2019-20 में राज्य की इन इकाइयों ने 1.10 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया। गौरतलब है कि देश की जीडीपी में एमएसएमई की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है।

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