नई दिल्ली/जिनेवा। (China will cooperate in investigation of corona virus) कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण को लेकर कई महीनों से दुनिया को गुमराह करते रहे चीन की हेकड़ी अंततः अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, भारत, जर्मनी, आस्ट्रेलिया आदि के दबाव के सामने हवा हो गई। खासकर कारोबारी मामलों में अलग-थलग पड़ जाने के डर ने ड्रैगन को छुछूंदर बना दिया और उसने दुनिया के आगे अपना जुर्म कबूल कर लिया है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि उनका देश जांच में दुनिया को सहयोग करेगा। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण में चीन की भूमिका पर स्वतंत्र जांच का प्रस्ताव है।
वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (World Health Assembly) की 73वीं सालाना बैठक में अपनी सफाई देते हुए जिनफिंग ने कहा है कि चीन में हमने कोविड-19 से लड़ने के लिए अभूतपूर्व ऊर्जा के साथ काम किया है। हमने अपने प्रयासों से और अभूतपूर्व बलिदान से वायरस के खिलाफ युद्ध को जीत लिया है और इसी के साथ हमने अपने नागरिकों के जीवन और स्वास्थ्य को सुरक्षित किया है।
उन्होंने कहा कि हमने इस दौरान पारदर्शिता और जिम्मेदारी से कदम उठाए हैं। हमने दूसरे देशों को वक्त रहते इसके बारे में जानकारी दी और हमने इसकी रोकथाम और इलाज के तरीकों को दुनिया से साझा किया। हमने वे सभी प्रयास किए जो हम कर सकते थे जिनसे दुनिया के देशों की मदद हो सके। उन्होंने कहा कि चीन जांच में दुनिया को सहयोग करेगा। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण में चीन की भूमिका पर स्वतंत्र जांच का प्रस्ताव है.
जिनपिंग ने ये बयान जिनेवा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हो रही, वर्ल्ड हेल्थ असेंबली (World Health Assembly) की 73वीं सालाना बैठक में दिया है जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (WEHO) के फैसले लेने वाली सबसे बड़ी बॉडी है।
इस वर्ष कोरोना वायरस की वजह से ये बैठक सिर्फ दो दिन के लिए रखी गई है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनियाभर में कोरोना के 48 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और तीन लाख 17 हजार से ज्यादा लोग मारे गए हैं। जाहिर है, इस बैठक में कोरोना का मुद्दा छाया रहा.
बैठक के पहले दिन यूरोपियन यूनियन और ऑस्ट्रेलिया समेत 116 देशों ने कोरोना वायरस के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच की मांग का प्रस्ताव रखा। इन देशों में भारत, बांग्लादेश, कनाडा, रूस, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन और जापान भी शामिल हैं। हालांकि, इन देशों में अमेरिका का नाम शामिल नहीं है।
इस प्रस्ताव में चीन या वुहान का जिक्र नहीं है लेकिन यह कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन इस बात की जांच करे कि वायरस कहां से पैदा हुआ और जानवर से इंसान में कैसे आया। सात पन्नों के इस प्रस्ताव में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की भी जांच की बात कही गई है। संगठन के सदस्य 194 देशों में से दो तिहाई देश, अगर इस मांग के पक्ष में रहते हैं तो मंगलवार को यह प्रस्ताव बैठक में वोटिंग के लिए रखा जा सकता है।
गौरतलब है कि चीन पर यह आरोप लगता रहा है कि कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत में उसने जानकारियां छिपाईं जिससे दुनिया भर में संक्रमण फैल गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने तो खुलेआम कहा कि कोरोना वायरस चीन ने लैब में पैदा किया और इसे लेकर उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।