इस्लामाबाद। शिक्षा, खेतीबाड़ी, उद्योग और सामाजिक क्षेत्र में उत्थान पर ध्यान देने की बजाय “आतंकवाद की फैक्ट्री” बन चुका पाकिस्तान अब जब पैसे-पैसे का मोहताज हो गया है तो उसकी सेना को देश में आतंकवाद की मौजूदगी नजर आने लगी है। दरअसल, आतंकवाद को संरक्षण और बढ़ावा देने के चलते पाकिस्तान दुनिया में अलग-थलग पड़ चुका है और ऐसे में उसकी मजबूरी है कि वह आतंकवाद के सफाये के लिए कार्रवाई भले ही न करे पर ऐसा करता हुआ नजर जरूर आए। यही कारण है कि पाकिस्तान की सेना ने सोमवार को पहली बार अपने देश में आतंकियों की मौजूदगी की बात कबूल की है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम हिंसक कट्टरपंथी संगठनों और जिहादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देश से आतंकियों का सफाया करने के लिए अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है।