आंवला, बरेली। कोरोना से जंग के चलते लॉकडाउन का पॉजिटिव इफेक्ट भी देखने में आ रहा है। इस समय को समाज और हित में उपयोग करने के लोग जुट रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण आंवला विधायक धर्मपाल सिंह स्थापित करने में जुटे हैं। वह विलुप्त हो चुकी महाभारत कालीन पीलिया नदी को पुर्नजिवित करने का संकल्प को पूरा करने में जुटे हैं। अपने विधायक के इस भगीरथ प्रयास में क्षेत्र के ग्रामीण, आंवला नगर पालिका चेयरमैन संजीव सक्सेना, युवा भाजपा नेता यशवंत सिंह सहित दर्जनों भाजपा कार्यकर्ता अपना सहयोग दे रहे है।
13 किमी लम्बी यह नदी पूरी तरह से विलुप्त होकर अपना आस्तित्व खो चुकी थी। धर्मपाल सिंह ने इसको पुर्नजीवित करने का व्रत लिया तथा 15 दिनों तक वनवासी का जीवन जीने का मन बनाया है। गुरगांवा के समीप से सोमवार को कन्यापूजन के उपरान्त नदी को पुर्नजीवित करने का शुभारम्भ हुआ तो आसपास के ग्रामीण भी श्रमदान करने को आगे आए।
बरेलीलाइव की टीम ने ग्राउण्ड जीरो पर पहुंचकर देखा तो नदी छोटे से गड्ढों में बदली दिखी। वहां मौजूद विधायक धर्मपाल सिंह ने बताया कि उन्होंने डीएम नितीश कुमार से कहा है कि पूरी नदी का ड्रोन कैमरे सर्वे कराया जाए तथा बाद में पूर्नजीवित होने के उपरान्त भी इसकी वीडियोंग्राफी करायी जाये ताकि वास्तविक स्थिति पता चल सके।
500 से ज्यादा ग्रामीण कर रहे श्रमदान
विधायक के आवाहान पर प्रतिदिन 5-6 सौ ग्रामवासी श्रमदान करने के लिए नदी पर पहुंचा रहे हैं। चार घण्टे प्रातः एवं 4 घण्टे शाम को अपना-अपना सहयोग दे रहे हैं। विधायक के आगे आने पर कुछ जेसीबी मालिकों ने भी अपनी जेसीबी निःशुल्क इस पुनीत कार्य में लगा दी है। एक साथ सैकड़ों फावड़े व कुदाले जब चलती है तो 70 के दशक की किस फिल्म का सा दृश्य दीखने लगता है।
हजारों किसानों को रोजगार का साधन बनेगी पीलिया नदी : धर्मपाल
विधायक ने बताया कि इस नदी में बरसात का जल संरक्षण करके इसमें मछली पालन करते हुए आसपास के लोगों को व्यवसाय भी मिलेगा। साथ ही हजारों किसानों को सिंचाई का एक साधन भी यह पीलिया नदी बनेगी। विधायक ने बताया कि जब तक इस नदी पर कार्य चलेगा वह अपने आवास पर नहीं रहेंगे। वह विदेह नंदिनी महाराज के आश्रम गुरगांवा में रहेंगे। श्रमदान के बाद जो समय बचेगा उसमें अध्यात्मिक उन्नति हेतु धार्मिक ग्रंथो के अध्ययन और सत्संग में बितायेंगे।