नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने “स्पीक अप इंडिया” अभियान के तहत केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह अपने खजाने का ताला खोले और कोरोना वायरस से प्रभावित जरूरतमंदों की मदद करे।
कांग्रेस की शीर्ष नेता ने केंद्र सरकार से कहा कि जरूरतमंदों को राहत दीजिए। हर गरीब परिवार को प्रतिमाह 7500 रुपये दीजिए। इसके अलावा उन्होंने प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित घर पहुंचाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, “करोड़ों रोजगार चले गए, लाखों धंधे बंद हो गए, किसान को फसल बेचने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। पूरे देश ने इस पीड़ा को झेला लेकिन शायद सरकार को इसका अंदाजा नहीं हुआ। पहले दिन से ही हर कांग्रेसी, अर्थशास्त्रियों और समाज के हर तबके ने कहा कि यह वक्त आगे बढ़कर घावों पर मरहम लगाने का है।”
सोनिया गांधी ने सरकार पर गरीबों के दर्द का अहसास नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मजदूरों को मुफ्त परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही गरीब परिवारों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) की तत्काल वित्तीय मदद की जाए। सोनिया ने एक वीडियो जारी कर सरकार से यह आग्रह भी किया कि वह मनरेगा के तहत 200 कामकाजी दिन सुनिश्चित करे और सभी जरूरतमंदों के लिए राशन का प्रबंध करे।
सोनिया ने कहा, “हम मीडिया के माध्यम से एक बार फिर सरकार के सामने यह मांगें दोहरा रहे हैं। संकट की इस घड़ी में हम सब हर देशवासी के साथ हैं और मिलकर इन मुश्किल हालातों पर अवश्य जीत हासिल करेंगे।” उन्होंने यह मांग भी की कि सरकार मजदूरों की सुरक्षित और मुफ्त यात्रा का इंतजाम कर उन्हें घर पहुंचाए, उनके लिए रोजी-रोटी का इंतजाम भी करे, राशन का इंतजाम भी करें, मनरेगा में 200 दिन का काम सुनिश्चित करे और छोटे और लघु उद्योगों को कर्ज देने की बजाय आर्थिक मदद दे, ताकि करोड़ों नौकरियां भी बचें और देश की तरक्की भी हो।
कांग्रेस का कहना है कि उसने गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबारियों की मदद के लिए सरकार पर दबाव बनाने के मकसद से यह अभियान चलाया है।