लखनऊ। कभी उत्तर प्रदेश के बेहद ताकतवर मंत्री रहे सपा सांसद आजम खां की लिए वक्त का यह दौर किसी डरावने सपने की तरह हो गया है। वह धोखाधड़ी समेत कई मामलों में इन दिनों पत्नी और पुत्र समेत सीतापुर जेल में बंद है। अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने भी उन्हें जोर का झटका देते हुए जौहर ट्रस्ट को मुतवल्ली के पद से हटा दिया है। उनकी जगह प्रशासक तैनात कर दिया गया है। बोर्ड ने यतीमखाने से हटाए गए 26 परिवारों को फिर से यह जमीन आवंटित कर दी है। इसके साथ ही पुलिस और प्रशासन को इन पीड़ित परिवारों को कब्जा दिलाने के आदेश दिए हैं।

पूर्व नगर विकास मंत्री आज़म खां ने तत्कालीन वक्फ़ मंत्री की हैसियत से वर्ष 2016 में वक़्फ़ संख्या 157 यतीमखाना, रामपुर का गैरकानूनी ढंग से जौहर ट्रस्ट को मुतवल्ली बनवा दिया था। इसके बाद वहां रह रहे लोगों को बलपूर्वक बेदख़ल कर दिया था। लोगों को उजाड़कर गरीबों के लिए रामपुर पब्लिक स्कूल का निर्माण करा दिया गया। कांग्रेस के पूर्व नेता फैसल लाला लगातार उन ग़रीब परिवारों की लड़ाई लड़ रहे थे। मामला तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक तक पहुंचा था।

अब सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जौहर ट्रस्ट को मुतवल्ली पद से हटाकर वक्फ़ बोर्ड के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर जुनैद खान को वक़्फ़ संख्या 157 का प्रशासक नियुक्ति कर दिया है। बोर्ड ने यतीमखाना की जमीन वापस उन्हीं 26 यतीम परिवारों को आवंटित कर दी है जो परिवार वहां 50-60 सालों से रहते आए थे। बोर्ड ने आदेश की कॉपी जौहर ट्रस्ट को भेजने के साथ ही जि़लाधिकारी रामपुर और पुलिस अधीक्षक रामपुर को भी भेजते हुए आदेश दिए हैं कि जमीन पर आवंटियों को कब्जा दिलाया जाए।

26 फरवरी को कोर्ट में किया था सरेंडर

सपा सांसद आजम खां धोखाधड़ी समेत कई मामलों में इन दिनों सीतापुर जेल में है। उनके साथ उनकी शहर विधायक पत्नी डॉक्टर तजीन फातमा और बेटा अब्दुल्ला आजम भी इन दिनों जेल में है। इन तीनों ने 26 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर किया था। इसके बाद से तीनों रिहाई के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। उनकी इस लड़ाई को कोरोना वायरस से जंग को लगाए गए लॉकडाउन ने गहरा झटका दिया था। दो महीने के लॉकडाउन के दौरान कोर्ट बंद रहीं और उनकी जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं हो सकी।

गौरतलब है कि आजम खां के पुत्र अब्दुल्ला आजम का विधायक पद पर निर्वाचन रद्द किया जा चुका है।

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