नई दिल्ली। आतंकवाद के खिलाफ कूटनीतिक प्रयासों में भारत को एक बड़ी सफलता मिली है। पठानकोट और पुलवामा हमलों के गुनहगार पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने वैश्विक आतंकवादी (Global terrorists) घोषित कर दिया है। दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे कूटनीतिक प्रयासों के चलते उपजे अंतरराष्ट्रीय दबाव को देखते हुए चीन ने मसूद अजहर को लेकर अपनी आपत्ति वापस ले ली जिससे उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का रास्ता साफ हो गया।
मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद उसको फंडिंग पर रोक लगेगी और विभिन्न देशों में स्थित उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी। मसूद अजहर के आने-जाने पर भी रोक लगेगी।
मंगलवार को ही मिलना शुरू हो गए थे संकेत
चीन इस बार मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में अडंगा नहीं लगाएगा इसके संकेत मंगलवार को ही मिलना शुरू हो गए थे। दरअसल, बीजिंग ने मंगलवार को कहा था कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मसूद अजहर को वैश्विक अतंकवादी घोषित करने का यह विवादित मुद्दा अच्छी तरह सुलझ जाएगा। आपको याद होगा कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने बीते मार्च में वीटो लगा दिया था। इससे पहले जैश-ए-मोहम्मद ने फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी।
चीन ने बीते 13 मार्च को 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में अमेरिका, ब्रिटेन से समर्थित फ्रांस के एक प्रस्ताव को यह कहकर बाधित कर दिया था कि उसे मामले के अध्ययन के लिए और समय चाहिए। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रस्ताव पर रोक यह ध्यान में रखते हुए भी लगाई गई थी कि पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद संबंधित पक्ष को बातचीत करने का समय मिल सके। इसके बाद अमेरिका ने झैश के सरगना को काली सूची में डालने के लिए 27 मार्च को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में सीधे एक प्रस्ताव पेश कर दिया था जिसके बारे में चीन ने कहा था कि यह 1267 समिति को कमतर आंकने के बराबर है।