नई दिल्ली। कर्ज में डूबे एक कारोबारी ने अपने परिवार को आर्थिक तंगी से छुटकारा दिलवाने के लिए अपनी ही हत्या की साजिश रच दी। सुपारी देकर खुद की हत्या करवा दी। कारण यह था कि कारोबारी की मौत के बाद उसके परिवार को जीवन बीमा की मोटी रकम मिलती जिससे उसका कर्ज चुका दिया जाता लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो तार से तार जुड़ते गए। न केवल भाड़े के 4 हत्यारे पकड़े गए बल्कि साजिश का भी खुलासा हो गया।
रणहौला थाना पुलिस ने हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए एक नाबालिग समेत चार आरोपितों को दबोचा है। इनकी पहचान मनोज कुमार यादव (21), सूरज उर्फ सीपी (18) और सुमित कुमार( 26) के रूप में हुई है। ये लोग कारोबारी से सुपारी की रकम वसूल चुके थे। हत्या की सुपारी कितने में ली गई और कारोबारी गौरव बंसल (38) के परिवार को बीमा की कितनी रकम मिलती, फिलहाल पुलिस ने इसका खुलासा नहीं किया है।
10 जून को पेड़ पर लटका मिला था शव
बाहरी जिला के डीसीपी डॉ. ए. कॉन का कहना है कि पकड़े गए भाड़े के हत्यारों और कोराबारी के परिवारीजनों से पूछताछ कर मामले की जांच आगे बढ़ाई जा रही है। डीसीपी डॉ. ए. कॉन ने बताया बीते 10 जून को रणहौला इलाके में बापरौला के खेड़ीवाला पुल के पास से एक पेड़ पर लटकी लाश मिली थी। उसके हाथ पीछे से बंधे हुए थे। पुलिस ने इसी आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर छानबीन शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि वह शव कारोबारी गौरव बंसल का है जो पूर्वी दिल्ली के आईपी एक्सटेंशन स्थित आर्या अपार्टमेंट में पत्नी और दो बच्चों के साथ रहता था। गौरव की कड़कड़डूमा इलाके में परचून की बड़ी दुकान है। गौरव मंगलवार दोपहर को अचानक दुकान से गायब हो गया था।
परिवारी जनों ने काफी तलाश करने के आनंद विहार थाने में गौरव बंसल की गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। पुलिस ने गौरव के सीडीआर और सोशल मीडिया अकाउंट की पड़ताल की तो एक लड़के से गौरव के लगातार संपर्क में रहने का पता चला। पुलिस आरोपितों की तलाश करते-करते सूरज तक पहुंच गई। सूरज ने पूछताछ के दौरान गौरव की हत्या की बात कबूल कर ली। उसने बताया कि मनोज, सुमित और नाबालिग के साथ मिलकर उन्होंने कारोबारी को पेड़ से लटकाकर मौत के घाट उतार दिया। रात के समय वारदात को अंजाम दिया गया।
दरअसल कारोबारी गौरव नाबालिग लड़के से संपर्क में था। गौरव ने ही नाबालिग से अपनी हत्या करने की बात की। इसके बाद नाबालिग ने पहले मनोज और बाद में सूरज और सुमित को इसके लिए तैयार किया गया। घटना वाले दिन कारोबारी गौरव किसी तरह रणहौला पहुंचा जहां उसके हाथ-पैर बांधकर उसको पेड़ से लटका दिया गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस की मानें तो गौरव कर्ज की वजह से बेहद परेशान था। उसने कई-कई बार लाखों रुपये कर्ज लिया था। हाल ही में उसने छह लाख रुपये का कर्ज लिया था लेकिन उसे दोबारा कारोबार में घाटा हुआ। इसके अलावा उसके साथ ऑनलाइन साढ़े तीन लाख रुपये की ठगी भी हो गई। कर्ज की वजह से गौरव डिप्रेशन में भी चला गया। उसका इलाज हुआ। सूत्रों की मानें तो गौरव ने अलग-अलग कंपनियों से अपना करीब एक करोड़ से अधिक का जावन बीमा कराया हुआ था। बीमे की रकम उसके मरने के बाद ही मिलती, इसलिए उसने ऐसी साजिश रची।
फेसबुक मैसेंजर के जरिये हुई थी मुलाकात
पुलिस के अनुसार कुछ दिनों पहले फेसबुक मैसेंजर पर गौरव की बात नाबालिग से हुई। बाद में वे फोन पर भी बात करने लगे। गौरव ने उसे सुपारी देकर अपनी हत्या का ऑफर दिया तो नाबालिग ने कबूल कर लिया। घटना वाले दिन अपनी पहचान के लिए गौरव ने व्हाट्सऐप के जरिये अपनी खुद की फोटो नाबालिग को भेजी। बाद में वह किसी तरह रणहौला पहुंचा और नाबालिग व बाकी लोगों से मिला। सूत्रों के मुताबिक उसने सुपारी की रकम भी दे दी।