नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सोमवार की रात चीन और भारत के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। भारतीय थलसेना ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, थलसेना ने सभी जवानों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। आईटीबीपी के जवानों को 40 एडवांस सीमा पोस्टों पर तैनात कर दिया गया है। वायुसेना सभी फॉरवर्ड लाइन बेस पर पहले से ही अलर्ट है।
पिछले कुछ सालों में चीनी नौसेना की गतिविधियों काफी संदिग्ध रही हैं। इसके मद्देनजर और ताजा हालात को देखते हुए नौसेना के पश्चिमी बेडे़ को तैनात कर दिया गया है। विमान वाहक जहाज समेत सभी युद्धक जहाजों और पनडुब्बियों को नौसेना की सीमाओं के लिए रवाना कर दिया गया है। चीन के लिए सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अरब सागर पर भारतीय नौसेना ने अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। वायुसेना भी फॉरवर्ड लाइन बेस और एलएसी पर अलर्ट है।
अरब सागर में भारतीय नौसेना का पश्चिमी बेड़ा पुख्ता पहरेदारी के साथ तैनात कर दिया गया है। नौसेना की पूर्वी कमांड को भी तैयार रहने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। पश्चिमी बेड़े को जरूरत पड़ने पर पूर्वी कमांड के साथ सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि चीन के कई मालवाहक जहाज अरब सागर के जरिए आवागमन करते हैं। वे पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह का भी इस्तेमाल करते हैं लिहाजा सामरिक दृष्टि से पश्चिमी कमांड के लिए महत्वपूर्ण इस रूट पर भारतीय नौसेना ने विमान वाहक युद्धपोत विक्रमादित्य को एडवांस इलाके में तैनात कर दिया है।
सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों की एक उच्च स्तरीय बैठक हुई। इसी में तीनों सेनाओं का अलर्ट पर रखने का फैसला लिया गया। सेना ने पहले ही अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को रवाना कर दिया है। भारतीय वायुसेना ने पहले ही अपने सभी फॉरवर्ड लाइन बेस में LAC और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए अलर्ट स्तर बढ़ा दिया है। सूत्रों ने कहा कि चीनी नौसेना को कड़ा संदेश भेजने के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ा रही है।