नई दिल्ली। (Garib Kalyan Rojgar Abhiyan) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे राज्यों से लौट कर आए प्रवासी मजदूरों (Migrant Labours) को उनके घर के आसपास ही रोजगार देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये की लागत से गरीब कल्याण रोजगार अभियान का शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए शुभारंभ किया। उन्होंने रिमोट द्वारा बिहार के खगड़िया जिले के बेलदौर ब्लॉक के तेलिहार गांव से इसकी शुरुआत की। साथ ही मजदूरों को इस रोजगार अभियान के तहत मिलने वाले फायदों से अवगत कराया और इसके जरिए प्रवासी श्रमिकों को सशक्त बनाने के लक्ष्य की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने देश के गांवों और ग्रामीणों के प्रयासों की प्रशंसा की जो कोरोना वायरस का पूरे साहस के साथ सामना कर रहे हैं। उन्होंने प्रवासी मजदूरों से भी बात और गरीबों को सरकार की ओर से मुफ्त राशन मिलने के बारे में चर्चा की।
योजना के तहत सरकार प्रवासी मजदूरों को 25 तरह के काम के विकल्प उपलब्ध कराएगी। मिशन मोड में इस योजना के तहत 125 दिनों तक काम चलेगा। इस योजना के लिए किसी तरह के आवेदन की प्रक्रिया नहीं होगी। राज्य और केंद्र सरकार इसके लिए मजदूरों का चयन स्वत: करेगी। इस योजना के तहत मजदूरों को उनकी कुशलता के अनुसार काम मिलेगा।
ये होंगे काम
जल जीवन मिशन, ग्राम सड़क योजना जैसी कई सरकारी योजनाओं के जरिए प्रवासी मजदूरों को काम के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इस योजना के तहत सामुदायिक स्वच्छता परिसर का निर्माण, ग्राम पंचायत भवन, राष्ट्रीय राजमार्ग के काम, कुओं का निर्माण, आंगनबाड़ी केंद्र का काम, प्रधानमंत्री आवास योजना का काम, ग्रामीण सड़क और सीमा सड़क, पीएम कुसुम योजना, पीएम ऊर्जा गंगा प्रोजेक्ट, पशु शेड बनाने का काम, केंचुआ खाद यूनिट तैयार करना, पौधारोपण, जल संरक्षण और संचयन, भारतीय रेलवे के तहत आने वाले कामों की तरह ही अन्य कामों को भी शामिल किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस योजना की प्रेरणा उन्हें प्रवासी श्रमिकों से ही मिली। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान क्वारंटाइन किए गए उज्जैन के एक स्कूल में प्रवासी मजदूरों ने अपनी कुशलता का परिचय दिया और स्कूल को रंगाईपुताई कर आकर्षक बना दिया। बस मुझे लगा कि ये कुछ करने वाले लोग हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, “कितना ही टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है। देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी।”
घर लौटे प्रवासी श्रमिकों से भी की बात
गरीब कल्याण रोजगार अभियान के शुभारंभ करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी देश के दूसरे राज्यों से गांव-घर लौटे मजदूरों से बात की। उन्होंने दिल्ली से बिहार लौटी स्मिता कुमारी के विचारों को सुना। हरियाणा से लौटे जर्नादन शर्मा से भी बातचीत की।
योजना की मुख्य बातें
-छह राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों के अभियान का उद्देश्य प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में काम करना है।
-इस कार्यक्रम के तहत बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा के 116 जिलों को कवर किया जाएगा। इन सभी जिले में लॉकडाउन के दौरान 25 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक वापस लौटे हैं।
-इस योजना के तहत रोजगार प्रदान करने और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 25 विभिन्न प्रकार के कार्यों का गहन और केंद्रित कार्यान्वयन शामिल होगा। -इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 12 विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।